Human Trafficking: 20 साल की एक युवती को उसकी ममेरी बहन और जीजा ने बड़े शहर में आलीशान जिंदगी के सुनहरे सपने दिखाए और फिर मानव तस्करी (Human Trafficking) के काले अंधेरे में धकेल दिया। झारखंड (Jharkhand) के सोनाहातू (Sonahatu) की निवासी ममता (काल्पनिक नाम) को उसकी सिमडेगा (Simdega) निवासी ममेरी बहन रीना केरकट्टा और जीजा चार साल पहले दिल्ली लेकर आए थे। चार सालों में उसे तीन बड़े शहरों में बेचा गया. नए सौदे की तैयारियां चल रही थी कि तभी सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो (Amit Mahto) बेंगलुरु पहुंच गए और युवती को रेसक्यू कर उसके माता-पिता के पास पहुंचाया।

क्या है पूरा मामला: सोनाहातू निवासी युवती को चार साल पहले 25 हजार की नौकरी का दिलासा देकर लाया गया था। बहन और बहनोई ने नोएडा में नौकरी पक्की होने की बात कही और एक घर में छोड़कर चले गए। घर के मालिक ने बताया कि उसे एक साल के लिए बेचा गया है और अब उसे नौकरानी का काम करना होगा। एक साल तक वह घरेलू काम-काज करती रही फिर एक साल बाद अचानक से दीदी और जीजा पहुंचे और उसे गाजियाबाद में नौकरी का दिलासा देकर ले गए। वहां भी उसके साथ ऐसा ही हुआ। इसके बाद फरीदाबाद में उसका सौदा हुआ।

फरीदाबाद के बाद युवती को बेंगलुरु में बेच दिया गया। जहां पिछले 6 महीनों से वह रह रही थी। बेंगलुरु में किसी तरह उसका संपर्क सिल्ली के पूर्व विधाय़क अनिल महतो (Ex MLA Anil Mahto) से हुआ। पूरी बात जानने के बाद अमित महतो बंगलुरु पहुंचे और युवती को छुड़ाकर रांची ले गए और उसके माता-पिता के पास सौंप दिया गया।

पीड़िता की मां को बेटी के किसी संकट में होने की आशंका हो गई थी. युवती को कड़े पहरे के बीच रखा जाता था और कभी कभार ही परिवार से बातचीत करने की इजाजत दी जाती थी। एक बार युवती ने छिप-छिपाकर मां को अपनी आप बीती बताई और बेचे जाने की जानकारी दी. परेशान होकर मां ने सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो से मदद मांगी। जानकारी मिलने के बाद पूर्व विधायक बेंगलुरु पहुंचे और युवती को छुड़ाकर रांची के लिए रवाना हो गए।