झारखंड के संथाल परगना में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां बच्चों को पीने का शुद्ध पानी भी उपलब्ध नहीं है। दुमका जिले के जरमुंडी ब्लॉक के भोदाबाद पंचायत के दलदली गांव का उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भी उन्हीं में से एक है। यहां संथाल आदिवासी परिवार के 58 बच्चे पढ़ते हैं। सरकार की मिड डे मील योजना के तहत उन्हें दोपहर का भोजन दिया जाता है, जिसे खाने के बाद सभी बच्चे बगल के जोरियो नाले में जूठी थाली धोते हैं और फिर उसी का पानी पीने को मजबूर हैं। यह सिलसिला नया नहीं पुराना है बावजूद इसके न तो किसी अधिकारी और न ही किसी राजनेता ने इस पर कोई ध्यान दिया।
जनसत्ता.कॉम के संवाददाता ने वहां जाकर हकीकत जानने की कोशिश की। स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे स्कूल ड्रेस में पढ़ने आए थे। एक नजर में लगा कि सुविधा विहीन गांव और स्कूल के बच्चे संस्कारी हैं। उनके माता-पिता ने इस लायक बनाया है। दोपहर में जब बच्चों ने भोजन किया और एक-एक कर बगल के नाले में पहुंचे तो पूरी कहानी पटल पर आ गई। विकास राणा, रूबी लाल सोरेन, अर्जित मुर्मू, सन्नी सोरेन, जिया मुर्मू ने बताया कि स्कूल में पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है। मध्यान्ह भोजन कर बगल के जोरिया में थाली धोते हैं और वही पानी पीते हैं।

स्कूल के सचिव बाबुधन मुर्मू और सहायक शिक्षक कटकी प्रसाद राउत बताते हैं कि इस बारे में कई बार शिक्षा विभाग को लिखकर गुजारिश की गई मगर उनकी सारी कोशिशें बेकार चली गईं। इस स्कूल की स्थापना झारखंड राज्य बनने के दो साल बाद साल 2002 में हुई है। तब से अब तक 15 सालों में कितने बच्चे आए और पढ़कर गए, सबने जोरिया का ही पानी पिया। इस वजह से बच्चे अक्सर बीमार भी रहते हैं पर किसी स्थानीय नेता या दूसरे संगठन ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद नहीं की। एक कस्बाई पत्रकार ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी तो माफिया टाइप के लोग उनके पीछे पड़े है। दरअसल, यहां नेताओं-अफसरों-पुलिस-पत्रकारों का गठजोड़ है, जो विकास मद की राशियों पर नजर गड़ाए रहता है।
बता दें कि जरमुंडी ब्लॉक में ही बाबा वासुकीनाथ का मंदिर है। इस वजह से यहां अक्सर विकास योजनाओं के लिए सरकारी धन मुहैया कराया जाता रहा है मगर उसका रास्ता दलदली गांव के प्राथमिक विद्यालय तक अभी भी नहीं पहुंच सका है। हालांकि, जब संवाददाता ने जिले के अधिकारियों से इस बारे में पूछा तो बताया गया कि वहां जल्द ही चापाकल गाड़ा जाएगा, ऐसी योजना बनी है। यह इलाका गोड्डा संसदीय क्षेत्र के तहत आता है, जिसके सांसद भाजपा के निशिकांत दुबे हैं। इसे महज संयोग ही कहा जाएगा कि केंद्र की भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार स्वच्छता और पेयजल पर करोड़ों खर्च कर रही है और उन्हीं के फार्मूले पर यानी सबका साथ सबका विकास कहने वाली झारखंड में बीजेपी की रघुवर दास सरकार है। बावजूद इसके बच्चे नाली का पानी पीने को विवश हैं।

