झारखंड में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रघुबरदास सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं। इस दौरान पुलिस ने उन पर जमकर लाठियां भांजीं। इससे एक महिला का हाथ टूट गया। वहीं, कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गईं। वहीं, पुलिस बल का प्रयोग करने पर विपक्ष ने राज्य के सीएम रघुबरदास पर हमला बोला है। सरकार की आलोचना करते हुए विपक्ष ने महिलाओं पर बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर कर रही विरोध: अपने मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर एक महीने से सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गवर्नर हाउस के पास धरना दे रही हैं। जब यहां से उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वह सीएम आवास की तरफ जाने लगीं। उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन महिलाएं इसके बाद भी नहीं रुकीं। पुलिस बल के साथ एक मैजिस्ट्रेट को भी तैनात किया गया था। इसके बाद भी महिलाएं नहीं रुकीं तो पुलिस उन पर लाठियां भांजने लगीं। इस घटना में एक महिला का हाथ टूट गया। वहीं, कई महिलाएं घायल हो गईं।

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यह भाजपा के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी:  इस घटना पर टिप्पणी करते हुए विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि यह घटना भाजपा सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। रघुबर दास सरकार को इस क्रूरता का हिसाब देना होगा, जिसमें इन जाहरखंडी मांओं और बहनों का हाथ होगा। इनके आंसू इस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। भाजपा के सरकार का अंत निकट है। सोरेन ने अपने एक अगले ट्वीट में लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।

सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया : गौरतलब है कि इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता किशोर शाहदेव ने कहा कि कार्यकर्ताओं पर हुई कार्रवाई से भाजपा सरकार का दोहरा चेहरा उजागर हुआ है। शाहदेव ने कहा, “मुख्यमंत्री संथाल के गांवों में वोट मांगने के लिए जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं और राज्य की राजधानी में पुलिस उन महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर रही है। सरकार को तुरंत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उचित मांगों को स्वीकार करना चाहिए और लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नाटक करती है भाजपा:  झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के महासचिव संतोष कुमार ने कहा कि सरकार एक तरफ “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की बात कर रही है और दूसरी ओर यह शांतिपूर्ण विरोध कर महिलाओं पर लाठियां बरसा रही है।

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कार्यकर्ताओं की मांग : बता दें कि झारखंड में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को क्रमशः 5,900 रुपए और 2,950 रुपए मासिक मानदेय मिलता हैं। राज्य भर में 80,000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक महीने से हड़ताल कर रही हैं, ताकि उनका मानदेय सेविका के लिए 10,000 रुपये और सहायिका के लिए 5000 रुपए किए जाए।