झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री और गढ़वा विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के उम्मीदवार मिथिलेश ठाकुर एक कथित रूप से एक हनी ट्रैप का शिकार हो गए हैं। घटना के मुताबिक, बुधवार को मंत्री ठाकुर के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से बार-बार वीडियो कॉल आ रहे थे। बार-बार कॉल आने के बाद जब उन्होंने एक बार कॉल रिसीव किया, तो उनके फोन पर अचानक अश्लील वीडियो चलने लगे। इस अप्रत्याशित स्थिति में उन्होंने तुरंत फोन काट दिया।
अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की दी थी धमकी
हालांकि, इसके बाद भी परेशानी खत्म नहीं हुई। गुरुवार को मंत्री ठाकुर को धमकी भरे कॉल आने लगे, जिनमें उन्हें कहा गया कि यदि उन्होंने उनकी शर्तें नहीं मानी तो वह अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिए जाएंगे। इस घटना से परेशान मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि यह संभवतः चुनावी साजिश का हिस्सा है और विपक्षी दलों की ओर से रची गई चाल हो सकती है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने इसे पुलिस में रिपोर्ट करने का निर्णय लिया है और उम्मीद जताई कि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच करेगी।
इसी बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गढ़वा जिले में एक जनसभा में मिथिलेश ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में रेत की कीमतें अब सोने से भी अधिक हो गई हैं, और इसके पीछे मंत्री मिथिलेश ठाकुर का हाथ है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि “मिथिलेश ठाकुर पैसे के मामले में आदमखोर बन गए हैं, जिस प्रकार बाघ को खून की आदत लग जाती है, उसी तरह ठाकुर को भी पैसों की आदत लग गई है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि रेत खनन में अवैध लाभ उठाते हुए ठाकुर का “पॉकेट गर्म” हो रहा है। इसके अलावा, हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड में पानी से जुड़े प्रोजेक्ट्स में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का भी आरोप लगाया।
इस घटनाक्रम ने झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। जहां एक ओर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने इस हनी ट्रैप को विपक्षी साजिश का हिस्सा बताया है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने रेत और पानी से जुड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेर लिया है। राज्य में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मामला तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।