झारखंड के रांची में ईडी ने कल की छापेमारी के बाद आज फिर पांच स्थानों पर तलाशी ली है। जानकारी यह है कि 10 करोड़ से ज़्यादा की कैश हेराफेरी के मामले में सामने आए राजीव कुमार सिंह से डेढ़ करोड़ की वसूली की गयी है। साल 2023 के वीरेंद्र राम मामले में ईडी ने 6 मई को रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी।

ईडी ने सोमवार को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घर से भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी बरामद की थी। जिसका अनुमान 34.23 करोड़ रुपये लगाया जा रहा है। 70 वर्षीय कांग्रेस नेता आलमगीर आलम झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री हैं और पाकुड़ सीट से विधायक हैं।

क्यों हुई ये रेड?

यह छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में हुई है। जिन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। विभाग में चल रही हेरेफेरी भी इस रेड के पीछे का बड़ा कारण मानी जा रही हैं। 2019 में वीरेंद्र के राम के एक के अंडर में काम करने वाल एक कर्मचारी के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण (पीएमएलए) अधिनियम के तहत मामले को अपने हाथ में ले लिया। वीरेंद्र के राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है।

ईडी ने पिछले साल एक बयान में आरोप लगाया था कि वीरेंद्र के राम ने ठेकेदारों से बड़ी मात्र में रिश्वत ली थी और इसके बदले उन्हें काम देने की बात कही थी। इस बीच भाजपा ने मांग की है कि आलमगीर आलम को तुरंत हिरासत में लिया जाए और नकदी बरामदगी के मामले में सख्ती से पूछताछ की जाए। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि ताजा नकदी बरामदगी से एक बार फिर साबित हो गया है कि कांग्रेस काले धन के कारोबार में उलझी हुई है।