झारखंड हाईकोर्ट के जज सीएम हाउस पर हो रहे प्रदर्शन में आधे घंटे से अधिक समय तक फंसे रहे। इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्होंने राज्य के DGP से लेकर SSP तक को कोर्ट में तलब कर लिया। मामला बीते 23 अगस्त का है जब बीजेपी युवा मोर्चा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी। इसी दौरान जज साहब ट्रैफिक जाम में फंस गए। कोर्ट में अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जज ने कहा, ‘पुलिस केवल मंत्री और विधायकों को ही सुरक्षा देती है। सोचिए जब हाईकोर्ट के सिटिंग जज सीएम आवास के सामने जाम में फंस जाएं तो आम जनता का क्या हाल होगा?’
बीते 23 अगस्त को बीजेपी युवा मोर्चा ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था। इस दौरान जन आक्रोश रैली में हाईकोर्ट के जज एसके द्विवेदी भी फंस गए। ट्रैफिक में फंसने की स्थिति को देखते हुए पहले न्यायाधीश के पीएसओ ने ट्रैफिक को लेकर कई पुलिस अधिकारियों को फोन करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो जज ने खुद रजिस्ट्रार जनरल से संपर्क करके डीजीपी से बात की।
कानून व्यवस्था को लेकर कोर्ट में तलब हुए अधिकारी
डीजीपी से बात होने के बाद जस्टिस को तुरंत जाम से निकाला गया। इस मामले को लेकर जस्टिस द्विवेदी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को देखते हुए डीजीपी, एसएसपी समेत कई अधिकारियों को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया।
डीजीपी ने माना सुरक्षा में हुई चूक
डीजीपी अनुराग गुप्ता एसएसपी चंदन सिन्हा को 27 अगस्त के दिन जस्टिस द्विवेदी ने तलब किया। इस दौरान डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कोर्ट से कहा कि ये घटना आगे से दुबारा नहीं होगी। जज ने पूछा कि जब रांची में धरना प्रदर्शन जैसा कार्यक्रम पहले से तय है तो हजारों लोगों को राजधानी में एंट्री कैसे मिल जाती है। इस पर डीजीपी ने माना कि सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्था में चूक हुई है।
2 किलोमीटर लंबा था जाम
23 अगस्त को रांची में हुए विरोध प्रदर्शन की वजह से पूरे रांची शहर में ट्रैफिक की स्थिति खराब थी। सीएम आवास से करीब दो किलोमीटर दूर मोरहाबादी ग्राउंड में बीजेपी द्वारा रैली आयोजित की गई थी। जिसके बाद तो पूरा शहर जाम हो गया था।
