झारखंड में मचे सियासी घमासान के बीच गुरुवार (1 सितंबर, 2022) को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया। राज्य सरकार के विधायकों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। इस बीच हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बने रहने पर अनिश्चितता बरकरार है।

वहीं, यूपीए के विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात में इस बात की शिकायत की कि राज्यपाल दफ्तर से सूचनाएं लीक होने की वजह से झारखंड सरकार को लेकर लगातार अफवाहें फैलाई जा रही हैं जिससे राज्य में अराजकता का माहौल है आप इस स्थिति को स्पष्ट करें।

यूपीए नेताओं ने ज्ञापन में लिखा, “महामहिम के कार्यालय से कथित तौर पर चुनिंदा मामलों की जानकारी लीक होने की वजह से अराजकता, भ्रम और अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो रही है जो राज्य के प्रशासन और शासन को खराब कर रहे हैं। इन अवैध तरीकों से हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक अस्थिरता को भी बढ़ावा दे रही है।”

रायपुर में विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर बोला हमला

विधायकों की खरीद-फरोख्त के डर से हेमंत सोरेन ने अपने विधायकों को रायपुर में शिफ्ट कर दिया है। विधायक यहां मेफेयर रिसॉर्ट में रुके हैं। विधायकों ने यहां प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर हमला बोला है और आरोप लगाया कि बीजेपी उनके घर में चोरी की कोशिश कर रही है।

झारखंड सरकार का BJP पर ‘Operation Lotus’ का आरोप

झारखंड सरकार ने बीजेपी पर राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ का आरोप लगाया है। वहीं, ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं, जिसमें कहा गया कि चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में बीजेपी की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री सोरेन को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है। इस पर बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने खुद को खनन पट्टा देकर चुनावी नियमों का उल्लंघन किया है। हालांकि, राज्यपाल की तरफ से ऐसा कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।