Jharkhand Politics: झारखंड में चल रही सियासी उठापटक के बीच आज झारखंड की गठबंधन सरकार के विधायकों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। झारखंड में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बने रहने को लेकर लगातार अनिश्चितता बरकरार है। वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के आरोप लग रहे हैं। यूपीए के विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात में इस बात की शिकायत की है कि राज्यपाल दफ्तर से सूचनाएं लीक होने की वजह से झारखंड सरकार को लेकर लगातार अफवाहें फैलाई जा रही हैं जिससे राज्य में अराजकता का माहौल है आप इस स्थिति को स्पष्ट करें।
यूपीए नेताओं ने ज्ञापन में लिखा, “महामहिम के कार्यालय से कथित तौर पर चुनिंदा मामलों की जानकारी लीक होने की वजह से अराजकता, भ्रम और अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो रही है जो राज्य के प्रशासन और शासन को खराब कर रहे हैं। इन अवैध तरीकों से हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक अस्थिरता को भी बढ़ावा दे रही है।”
राज्यपाल दफ्तर से नहीं लीक हुई कोई जानकारीः रमेश बैस
न्यूज एजेंसी एएनआई ने कांग्रेस नेता बंधु तिर्की के हवाले से कहा है,”मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। राज्यपाल कानूनी राय मांग रहे हैं और आश्वासन दिया है कि स्थिति दो दिनों के भीतर स्पष्ट हो जाएगी। हमने यह भी सवाल किया कि मीडिया में चुनिंदा जानकारी कैसे लीक की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसे सोर्स उनके कार्यालय से नहीं लीक हुए है।”
झारखंड सरकार का BJP पर ‘Operation Lotus’ का आरोप
मीडिया में ऐसी कई रिपोर्ट आ चुकी हैं जिसमें चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में बीजेपी की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है। बीजेपी का आरोप है कि उन्होंने खुद को खनन पट्टा देकर चुनावी नियमों का उल्लंघन किया है। हालांकि, राज्यपाल की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपने विधायकों को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित कर दिया है।जिसमें मुख्य विपक्षी दल बीजेपी पर झारखंड की सरकार को अस्थिर करने के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ की कोशिशों का आरोप लगाया है।
ये है Jharkhand का मौजूदा सियासी गणित
भारतीय जनता पार्टी लगातार इस बात की मांग करती रही है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नैतिक आधार पर इस्तीफा दें और राज्य में मध्यावधि चुनाव करवाएं। झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं। जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा सिर्फ 41 विधायकों का है। सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30 विधायक उनके सहयोगी दल कांग्रेस के 18 विधायक और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक विधायक हैं। वहीं राज्य में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के पास 26 विधायक हैं।