आगमी विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बीच मचे घमासान पर रविवार (8 जुलाई) को तब विराम लग गया जब जेडीयू नेता केसी त्यागी ने प्रेस वार्ता में साफ कर दिया कि उनकी पार्टी चुनावों में अकेले लड़ेगी। केसी त्यागी ने कहा, ”जेडीयू मणिपुर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स कह रही हैं कि हम बीजेपी की मदद कर रहे हैं लेकिन न तो हम उनका समर्थन कर रहे हैं न ही विरोध, हम उनकी मदद नहीं कर रहे हैं।” हालांकि जेडीयू की तरफ से 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में सीटों के बंटवारे के मामले में अभी तस्वीर स्पष्ट नहीं की गई है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, ”2019 के चुनाव में सीटों के बंटावारे के मामले में जेडीयू बिहार में बड़े भाई की भूमिका में होगी।”

बता दें कि बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो-दिवसीय बैठक दिल्ली में सात और आठ जुलाई को आयोजित की गई। यह बैठक आगामी चुनावों में पार्टी की राणनीति बनाने के लिए की गई। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में कहा कि उनकी पार्टी को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है, ऐसा करने वाले को उनकी पार्टी नजरअंदाज कर देगी। पार्टी की तरफ से यह बात स्पष्ट की गई कि उसके लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना उसके लिए अहम है।

पार्टी की तरफ से यह भी कहा गया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ उसके जाने की बातें महज अटकलें हैं, जिन पर यकीन नहीं किया जा सकता है। केसी त्यागी ने कांग्रेस को लेकर भी अपना रुख रखा। जेडीयू नेता ने कहा, जब कांग्रेस आरजेडी जैसी भ्रष्ट पार्टी पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करेगी, हमें नहीं पता कि उनसे किस प्रकार बात की जाए। इस मौके पर जेडीयू ने बीजेपी की ओर से प्रस्तावित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रति समर्थन जताया। केसी त्यागी ने कहा कि इस फॉर्म्युले से अगर खर्चा कम होता है, कालेधन पर लगाम लगती है और प्रशासन बेहतर होता है तो उनकी पार्टी इसका विरोध नहीं करेगी।