जन स्वराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरे हैं। उन्होंने सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। लेकिन इस बीच प्रशांत किशोर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है — वे दो राज्यों के वोटर निकले हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल, दोनों ही जगहों की वोटर लिस्ट में उनका नाम दर्ज है।

बंगाल में उनका पता 121 कालीघाट रोड है। यह वही जगह है जहां भवानीपुर में तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दफ्तर है। दरअसल, प्रशांत किशोर ने कुछ समय पहले तक TMC के साथ एक पॉलिटिकल कंसल्टेंट के रूप में काम किया था। 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुनावी रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।

जनसत्ता के सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में प्रशांत किशोर का पोलिंग स्टेशन सेंट हेलेन स्कूल, रानी शंकरी लेन है।

बिहार में भी उनका नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है। वहां वे सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत वोटर हैं। उनका पोलिंग स्टेशन मध्य विद्यालय, कोनार है- वही जगह जहां प्रशांत किशोर का पुश्तैनी गांव माना जाता है।

जब प्रशांत किशोर से इस दोहरी वोटर लिस्ट के मामले पर सवाल किया गया, तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने फोन तक नहीं उठाया। हालांकि, उनकी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बिहार से पहल वे पश्चिम बंगाल के वोटर थे। किशोर ने अपना पश्चिम बंगाल वाला वोटर कार्ड रद्द करने के लिए आवेदन (Application) भी दिया था, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उस आवेदन की स्थिति क्या है।

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) विनोद सिंह गुंज्याल ने इस मामले पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है। Representation of the People Act, 1950 की धारा 17 के तहत कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र (electoral roll) में पंजीकृत नहीं हो सकता। वहीं, धारा 18 कहती है कि किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक जगहों पर वोटर लिस्ट में नहीं होना चाहिए। अगर कोई मतदाता अपना क्षेत्र बदलना चाहता है, तो उसे Form 8 भरकर अपने नाम को नई जगह ट्रांसफर करवाना होता है।

जानकारों का मानना है कि किसी व्यक्ति का नाम दो जगहों पर वोटर लिस्ट में होना कोई नया मामला नहीं है। इसी वजह से चुनाव आयोग ने हाल ही में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) अभियान भी चलाया था। प्रशांत किशोर के इस विवाद पर जब स्थानीय TMC पार्षद कजरी बनर्जी से बात की गई, तो उन्होंने कहा- “121 कालीघाट रोड पर तृणमूल कांग्रेस का पार्टी ऑफिस है। प्रशांत किशोर वहां आते थे और कुछ समय तक उस बिल्डिंग में भी रहे थे। लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि वे उस क्षेत्र के वोटर थे या नहीं।”

यह पहली बार नहीं है जब प्रशांत किशोर की वोटर लिस्ट को लेकर विवाद खड़ा हुआ हो। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी CPI ने आरोप लगाया था कि प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल क्षेत्र से वोटर थे। उस समय एक CPI सदस्य ने बयान दिया था कि हमारी ओर से चुनाव आयोग को लिखा गया है कि प्रशांत किशोर अब यहां नहीं रहते, इसलिए उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाए।