एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में भीड़ पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले पैलेट गनों पर पूरी तरह पाबंदी नहीं लगाई जाएगी और ‘दुर्लभतम मामलों’ में इनका इस्तेमाल किया जाएगा। सुरक्षा बलों से गहन विचार-विमर्श करने और कश्मीर घाटी में जमीनी हालात का परीक्षण करने के बाद वरिष्ठ सरकारी अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। अधिकारी ने कहा कि पेलेट गन से फायरिंग करने का विकल्प कायम रहेगा, लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ दुर्लभतम मामलों में किया जाएगा। कश्मीर घाटी में भीड़ पर काबू पाने के लिए पेलेट गनों के इस्तेमाल पर सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इस हथियार से बड़े पैमाने पर घाटी में लोग घायल हुए हैं।

बीते 24-25 अगस्त को कश्मीर की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि आने वाले कुछ दिनों में हम पेलेट गनों का विकल्प मुहैया कराएंगे । इन बंदूकों को पहले गैर-जानलेवा समझा जाता था, लेकिन कुछ घटनाएं हुई हैं……हमने एक महीने पहले एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसे दो महीने में रिपोर्ट देनी है, लेकिन यह बहुत जल्द आएगी। समझा जाता है कि पेलेट गनों का विकल्प तलाशने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ‘पावा गोले’ के इस्तेमाल की सिफारिश करने पर विचार कर रही है। ‘पावा गोले’ में मिर्च भरी जाती है। यह कम जानलेवा है। ‘पावा गोलों’ पर पिछले करीब एक साल से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की लखनऊ स्थित प्रयोगशाला भारतीय विष-विज्ञान संस्थान में परीक्षण चल रहा था और इसका पूरा विकास ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर में अशांति कायम है।

तीन थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी घाटी से कर्फ्यू हटा

तीन थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटाए जाने के बाद सोमवार को श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य होने लगा। हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 51 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलवामा शहर और श्रीनगर के एमआर गंज और नौहट्टा थाना क्षेत्रों को छोड़कर कश्मीर से कर्फ्यू हटा लिया गया है। हालात में सुधार के मद्देनजर पाबंदियों को भी हटा लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि हालांकि कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए घाटी के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात रखा जाएगा। झड़पों में अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 68 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि सोमवार सुबह सड़कों पर आॅटो रिक्शा और निजी वाहन जरूर नजर आए लेकिन सार्वजनिक वाहन नदारद रहे। निजी वाहनों के सड़कों पर उतरने के कारण लाल चौक की ओर जाने वाले मार्ग, रामबाग-जवाहरनगर-राजबाग तिराहे पर थोड़ा जाम लग गया। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बढ़ी। बैंकों के खुलते ही ग्राहक इनमें उमड़ पड़े। हालांकि, स्कूल, कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थान और दुकानें बंद रहीं।

अलगाववादियों ने सोमवार को लोगों से आह्वान किया कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर वे अन्य सभी सरकारी कार्यालयों को बंद करा दें। अलगाववादियों ने अपने साप्ताहिक प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान कहा कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी कार्यालयों को बंद कराएं। किसी भी सरकारी कर्मचारी को कार्यालय नहीं जाने दें।
हालांकि पूरी घाटी में मोबाइल पर इंटरनेट सेवा अब भी निलंबित है। प्रीपेड मोबाइल नंबरों पर आउटगोइंग सेवा पर अब भी प्रतिबंध लगा हुआ है। प्रदर्शनों के दौरान आम नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ आंदोलन की अगुआई कर रहे अलगाववादी गुटों ने घाटी में हड़ताल की अवधि एक सितंबर तक बढ़ा दी है।
श्रीनगर शहर और बडगाम जिले के कुछ हिस्सों से सोमवार को झड़पों की खबर मिली लेकिन इन घटनाओं में कोई आहत नहीं हुआ। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ उपद्रवियों ने श्रीनगर के चत्ताबल, कानी कादल, खानयार और बटमालू इलाकों में सुरक्षा बलों पर पथराव किया। अधिकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसूगैस का इस्तेमाल किया लेकिन कोई घायल नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि बडगाम जिले के चाडूरा, क्रेमशोरा और मझामा इलाकों से भी सुरक्षा बलों और पत्थरबाजों के बीच संघर्ष की खबरें मिली हैं।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का कश्मीर दौरा चार को

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चार सितंबर को जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा। उम्मीद है कि घाटी में शांति स्थापित करने के प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल विभिन्न तबकों के लोगों से बातचीत करेगा। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल चार सितंबर को जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा और गृहमंत्री इसका नेतृत्व करेंगे। कश्मीर बाकी घाटी में शांति कायम करने के प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल के विभिन्न तबकों के लोगों और संगठनों से मिलने की उम्मीद है। हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद से घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गृह मंत्री की रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ एक घंटे तक बैठक हुई थी। गृह मंत्री ने उनके साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के तौरतरीकों पर चर्चा की थी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में संभावित व्यक्तियों और समूहों के बारे में चर्चा की गई जिनके साथ प्रतिनिधिमंडल राज्य के दौरे के दौरान बातचीत कर सकता है।

सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों से कहा है कि वे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए अपने पदाधिकारियों के नाम दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कश्मीर की स्थिति के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि कश्मीर स्थिति पर हाल में हुई मेरी सभी बातचीत में ‘एकता’ और ‘ममता’ मूल मंत्र रहे। मोदी ने कहा कि जो लोग युवाओं को कश्मीर में पत्थरबाजी के लिए उकसा रहे हैं, उन्हें एक दिन उनको जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने कश्मीर पर एक स्वर में बात की जिससे विश्व और अलगाववादियों को भी मजबूत संदेश गया। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।