लोकसभा चुनाव से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार (26 मार्च) को कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी और जेकेएलएफ पर से बैन हटा दिया जाएगा। दरअसल, केन्द्र ने 28 फरवरी को एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें उसने इस आधार पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया कि आतंकवादी संगठनों के साथ उसके ‘‘करीबी संबंध’’ हैं और इससे राज्य में ‘‘अलगाववादी आंदोलन बढ़ने’’ की आशंका है। फिलहाल चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन पीडीपी प्रमुख कश्मीर के अस्थिर अनंतनाग संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
महबूबा ने कहा, ‘‘जमात ए इस्लामी और जेकेएलएफ जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने के दीर्घावधि परिणाम होंगे और इस तरह के उपायों से जनता में निराशा एवं हताशा का स्तर ही बढेगा।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडीपी का स्पष्ट रुख है कि विचारों को न तो बांधा जा सकता, न प्रतिबंधित किया जा सकता और ना ही मारा जा सकता है।
वहीं, पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने भी जमात ए इस्लामी जम्मू कश्मीर और जेकेएलएफ पर केन्द्र द्वारा लगाई गई पाबंदी के खिलाफ इन संगठनों को कानूनी मदद की पेशकश की। पेशे से वकील बेग ने कहा कि उनकी पार्टी इन संगठनों की वैचारिक रूप से विरोधी है लेकिन वह नागरिकों के अधिकारों के लिए इस कदम के पक्ष में है।
बेग ने कहा, ‘‘वैसे तो जमात ए इस्लामी और जेकेएलएफ (जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) दोनों ही हमारे विरोधी हैं लेकिन हम उन पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी मदद देने को तैयार हैं। यह सिद्धांतों तथा नागरिक अधिकार कायम रखने का विषय है।’’ वरिष्ठ नेता ने बारामूला में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए इन दोनों प्रतिबंधित संगठनों को कानूनी मदद की पेशकश की। गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत मोहम्मद यासीन मलिक नीत जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले फरवरी में केन्द्र ने जमात ए इस्लामी पर पाबंदी लगाई थी। (भाषा इनपुट के साथ)