जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने झेलम नदी पर जीरो ब्रिज के विरासत स्थल पर तकरीबन 200 यतीम बच्चियों के लिए इफ्तार की दावत आयोजित की है। महबूबा ने सोमवार शाम कहा, ‘‘मुझे इस खास कार्यक्रम का हिस्सा होने में सचमूच सम्मान महसूस हो रहा है। मां-बाप के प्यार और देख-भाल से महरूम इन खुबसूरत बच्चियों के साथ इफ्तार करने से ज्यादा तसल्लीबख्श कुछ और नहीं हो सकता।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उनके लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करेगी ताकि वह जिंदगी में कामयाब हो सकें। मुख्यमंत्री ने यतीम बच्चों के दुख-दर्द और भावनात्मक पीड़ा दूर करने और उन्हें अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने में मदद करने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।

महबूबा ने कहा कि शिक्षा गरीबी से निकालने के लिए एक अहम उपकरण है। पीडीपी नेता ने कहा कि इन यतीम बच्चियों को भी वही तालीम और दीगर सहूलियतें मुहैया कराई जानी चाहिए जो दूसरों को मिल रही हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के बच्चे-बच्चियों को भावनात्मक स्थिरता प्रदान करने की जरूरत है ताकि वे चुनौतियों का सामना कर सकें, अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकें, अपने हुनर बढ़ा सकें और अपनेपन की भावना जाग सके। महबूबा ने कहा, ‘‘राज्य में दो दशक से ज्यादा लंबी उथल-पुथल न सिर्फ व्यापक मौत और बरबादी लाई बल्कि त्रासदियों का एक सिलसिला भी पीछे छोड़ गई जिसमें सैकड़ों यतीम और बेसहारा लोग शामिल हैं।’’