जम्मू-कश्मीर के आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और विशेष राज्य का दर्जा देने वाले राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले लिया है। शाह फैसल उन 23 याचिकाकर्ताओं में शामिल थे, जिन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती दी थी।

शाह फैसल ने याचिका वापस लेने का फैसला इस साल अप्रैल में भारतीय प्रशासनिक सेवा में वापस आने और संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव नियुक्त किए जाने के 5 महीने बाद लिया है। शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए 2019 में आईएएस की सेवा से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनका इस्तीफा सरकार ने कभी स्वीकार नहीं किया था और बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया था।

अपने इस्तीफे के समय शाह फैसल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, “कश्मीर में बेरोकटोक हत्याओं और केंद्र सरकार की ओर से किसी भी विश्वसनीय राजनीतिक पहल की अनुपस्थिति का विरोध करने के लिए मैंने आईएएस सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कश्मीरी जीवन मायने रखता है।”

मार्च 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले शाह फैसल ने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी ‘जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ (JKPM) बनाई थी। 5 अगस्त 2019 के फैसलों के बाद शाह फैसल ने 10 अगस्त को द इंडियन एक्सप्रेस से एक साक्षात्कार के दौरान कश्मीर पर सरकार के फैसले को ‘हमारे सामूहिक इतिहास में एक विनाशकारी मोड़’ कहा था।

बता दें कि इसके बाद शाह फैसल को इस्तांबुल जाने से रोक दिया गया और सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में ले लिया गया था। उन्हें जून 2020 में रिहा कर दिया गया था। फिलहाल उनके खिलाफ कोई मामला लंबित नहीं है।

आईएएस अधिकारी शाह फैसल को इस साल अप्रैल में सेवा में बहाल किया गया था इसके बाद उन्हें केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में तैनात किया गया है। इसी महीने जारी आदेश में कहा गया है कि 2010 बैच के आईएएस अधिकारी फैसल को केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत पद का कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से चार साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव के रूप में नियुक्ति के लिए चुना गया है।