जम्मू कश्मीर में होने वाले पंचायत चुनावों के बहिष्कार का फैसला नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने लिया था। लेकिन अब इस फैसले पर पार्टी के भीतर से असंतोष और असहमति के सुर उठने लगे हैं। असहमति के दावों पर मुहर लगाते हुए पार्टी के प्रवक्ता जुनैद आजिम मट्टू ने मंगलवार (25 सितंबर) को अपनी ही पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। मट्टू ने अपनी बात अपने ट्विटर हैंडल के जरिए रखी। मट्टू ने कहा कि वह श्रीनगर जिले में लोगों की सेवा के लिए स्थानीय चुनाव लड़ेंगे।
मट्टू ने अपनी ट्वीट में लिखा, ”पंचायत चुनावों के बायकॉट करने के पार्टी के फैसले से मैं नम्रतापूर्वक असहमति जताता हूं। मैंने अपना इस्तीफा जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव को भेज दिया है।” मट्टू ने आरोप लगाया कि पार्टी लोकतांत्रिक संस्थाओं की जड़ों को छोड़ रही है। खुले तौर पर प्रतिनिधित्व न करना राज्य को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा। इससे सामाजिक तानेबाने और सांस्कृतिक परंपरा के लिए भी खतरा पैदा हो जाएगा।
Based on my humble disagreement with the party’s decision to boycott the upcoming ULB and Panchayat Polls, I have just sent my resignation from the party to the JKNC General Secretary. 1/n
— Junaid Azim Mattu (@Junaid_Mattu) September 25, 2018
मट्टू ने कहा, ” इंशाअल्लाह, मैं आगामी पंचायत चुनावों के लिए कल श्रीनगर सीट से अपनी उम्मीदवारी का दावा पेश करूंगा और मैं अपने लोगों की सेवा के लिए लगातार समर्पित रहूंगा और उस शहर की मदद करने की कोशिश करूंगा, जिसमें मैं बड़ा हुआ हूं। मैं उन चुनौतियों से लड़ने की कोशिश करूंगा, जिनके बीच मैं बड़ा हुआ हूं। मैं मीडिया से न तो कोई बात करूंगा और आज न ही उनके किसी सवाल का जवाब दूंगा।”
वैसे बता दें कि मट्टू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के साथ की थी। उस वक्त पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन थे। बाद में साल 2009 में पार्टी ने अलगाववादी राजनीति छोड़कर मुख्यधारा की राजनीति में आने का फैसला कर लिया। इसके बाद मट्टू ने पार्टी से अपने रास्ते अलग कर लिए। इसके बाद मट्टू ने साल 2013 में नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का फैसला किया था।