महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद अब अवैध लाउडस्पीकर हटाने की मांग जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गई है। जम्मू नगर निगम (जेएमसी) में एक प्रस्ताव लाया गया है, जिसमें अवैध लाउडस्पीकरों को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की गई है। जम्मू नगर निगम के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के वार्ड नंबर-3 (जम्मू के मस्त गढ़) पुराने शहर क्षेत्र के पार्षद नरोत्तम शर्मा ने अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने कहा कि हम इस पर चर्चा करेंगे और कानून के अनुसार अनुसार निर्णय लेंगे। लाउडस्पीकर की आवाज से बीमार लोगों, छात्रों और आम-आदमी को परेशानी होती, लेकिन वो किसी से कह नहीं पाते।
मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने कहा, “अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, अब पहले वाला जम्मू-कश्मीर नहीं है, पहले के जो हालात रहे वो अलग थे। एक अलग सिस्टम था, इसलिए अब हमें पूरे देश के साथ चलना पड़ेगा।” पार्षद नरोत्तम शर्मा ने एक टीवी चैनल को बताया कि हमारा प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पारित किया जाएगा। इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन होना चाहिए। जितने भी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगे हैं उनकी आवाज को कम किया जाए। साथ ही डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की परमिशन के बिना कहीं भी लाउडस्पीकर नहीं लगने चाहिए।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि जुलाई 2005 में सर्वोच्च न्यायालय ने ध्वनि प्रदूषण के गंभीर प्रभावों का हवाला देते हुए, सार्वजनिक स्थानों पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच (सार्वजनिक आपात स्थिति के मामलों को छोड़कर) लाउडस्पीकर और संगीत के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
लाउडस्पीकरों का विवाद तब शुरू हुआ, जब 12 अप्रैल को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मुंबई के शिवाजी पार्क में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की धमकी दी और कहा था लाउडस्पीकरों की आवाज से लोगों को दिक्कत होती है। इसका हल अब निकालना ही होगा। मनसे प्रमुख ने 4 मई को अपने मुंबई आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी अवैध लाउडस्पीकरों को मस्जिदों से हटा दिया जाना चाहिए, जब तक लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाते, तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे।