जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की है। महबूबा मुफ्ती ने सोमवार (12 फरवरी) को जम्मू कश्मीर विधानसभा में कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों ने ऐसा वातावरण बना दिया है कि यदि हम पाकिस्तान के साथ बातचीत के बारे में बोलते हैं तो हमें राष्ट्रविरोधी करार दे दिया जाता है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, “हमने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाइयां लड़ीं और सभी में जीत हासिल की, लेकिन आज भी बातचीत के अलावा कोई समाधान नहीं है, कब तक हमारे जवान और नागरिक मरते रहेंगे, आश्चर्य होता है कि अगर अटल जी आज के वक्त में बस लेकर लाहौर जाते हैं और डायलॉग की बात करते तो उन्हें कुछ मीडिया संस्थान क्या कहते।” बता दें कि जम्मू के सुंजवां स्थित आर्मी कैंप में शनिवार हुए हमले में पांच सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गई। लश्कर-ए-तैयबा ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। सोमवार (12 फरवरी) को श्रीनगर के करणनगर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में एक सैनिक शहीद हो गया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज सुंजवां हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
Dialogue with Pakistan is necessary if we are to end bloodshed. I know I will be labelled anti-national by news anchors tonight but that doesn’t matter. The people of J&K are suffering. We have to talk because war is not an option.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 12, 2018
We fought and won all wars against Pakistan but even now today there is no solution other than dialogue, till when will our jawans and civilians keep dying. Wonder what some media houses would have called Atalji if he took bus to Lahore in today’s time&talked of dialogue: J&K CM pic.twitter.com/gUjWhKvEXH
— ANI (@ANI) February 12, 2018
इससे पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि युद्ध दोनों देशों के लिए समाधान नहीं है और खूब खराबे को बंद करने के लिए बातचीत जरूरी है। महबूबा ने ट्वीट किया, “यदि खून खराबे को बंद करना है तो डायलॉग जरूरी है, मैं जानती हूं आज रात एंकर मुझे राष्ट्रविरोधी घोषित कर देंगे, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता है, जम्मू कश्मीर के लोग कष्ट उठा रहे हैं, हमें बात करनी होगी क्योंकि युद्ध विकल्प नहीं है।” इधर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि जितना आतंकवाद बढ़ेगा, उतनी मुसीबत आएगी। अब्दुल्ला ने कहा कि भारत से ज्यादा मुसीबत पाकिस्तान में आएगी, वहां कुछ भी नहीं रहेगा। फारुक अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “अगर यही सूरत रही तो हिन्दुस्तान की हुकुमत को भी सोचना पड़ेगा कि अगला कदम क्या होगा।”