जम्मू-कश्मीर सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक लाल सिंह ने कहा है कि महाराजा के शासन वाला कश्मीर वर्तमान सरकार से बढ़िया था। इस वक्त कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की मिलीजुली सरकार है। उन्होंने कहा कि नेताओं ने वादी को नरक में तब्दील कर दिया है और अब ये लोग जम्मू में भी तनाव पैदा करना चाहते हैं। महबूबा सरकार पर हमला करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सीएम ने रमजान के पवित्र महीने पर सियासत की और संघर्षविराम पर जोर दिया, ये सोचते हुए कि वो पाकिस्तान और आतंकवादियों को खुश कर देंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कठुआ रेप और मर्डर केस के आरोपियों के पक्ष में रैली कर अपना मंत्री पद गंवाने वाले चौधरी लाल सिंह महबूबा सरकार से खफा चल रहे हैं। उन्होंने इस मामले में एक बार फिर से सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने मुफ्ती सरकार पर जम्मू की जनता का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि डोगराओं को बलात्कारी और बलात्कारियों का साथ देने वाला कहा गया।
उन्होंने कहा, “नेताओं ने कश्मीर को बर्बाद कर दिया, क्या पाकिस्तान ने इस संघर्षविराम के ऑफर का सकारात्मक जवाब दिया है?” उन्होंने आगे बताया, “ये नेता कश्मीर तो संभाल नहीं सकते और अब वे जम्मू को खराब करने पर तुले हैं, उन्होंने कश्मीर को टुकड़ों में बांट दिया, आज इन लोगों ने सबके दिलों में नफरत के बीज बो दिये हैं, ये लोग कश्मीर में चोरों की तरह जाते हैं, इनके पास अपने क्षेत्रों में भी जाने की हिम्मत नहीं है।” चौधरी लाल सिंह ने कहा, “आप जानते होंगे जब 1947 से पहले यहां डोगराओं का शासन था, तो चीजें बेहतर थीं, अब तो हालत बेहद घटिया हो गई है, वे लोग सिर्फ कुर्सी के लिए समस्या खड़े कर रहे हैं, वे लोग भावनात्मक रूप से लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं।”
कठुआ रेप केस में सीबीआई जांच की मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आखिर सीबीआई जांच से पीछे क्यों हट रही है। उन्होंने कहा कि 8 साल की लड़की के बलिदान ने जम्मू और भाईचारगी को एक कर दिया है। उन्होंने कहा, “जम्मू कभी साम्प्रदायिक नहीं था, ना ही हम इसे ऐसा होने देंगे, कश्मीर में बंटवारे के बीज बोए जा रहे हैं।”

