जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान वे भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि अपने लोगों का अधिकार बहाल होने तक मैं नहीं मरूंगा। इस दौरान अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और उनपर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया।
गुपकर गठबंधन घोषणापत्र (पीएजीडी) की शनिवार को होने वाली बैठक के पहले शेर-ए-कश्मीर भवन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं से अब्दुल्ला ने कहा, “अपने लोगों के अधिकार वापस लेने तक मैं नहीं मरूंगा …मैं यहां लोगों का काम करने के लिए हूं, और जिस दिन मेरा काम खत्म हो जाएगा मैं इस जहां से चला जाऊंगा।” पूर्व मुख्य मंत्री ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी देश को गुमराह कर रही है और जम्मू कश्मीर के साथ लद्दाख के लोगों से ‘झूठे वादे कर रही है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें पाकिस्तानी कहा जा रहा है, अगर हम चाहते तो साल 1947 में ही पाकिस्तान के साथ जा सकते थे। हमने महात्मा गांधी के भारत से खुद को जोड़ा है बीजेपी के भारत से नहीं। उन्होंने कहा कि अगर वो मुझे मारना चाहते हैं मार दें, जीना और मरना ऊपर वाले के हाथ में है। मेरी उम्र भले ही 80 साल से अधिक है लेकिन मैं अभी भी जवान हूं और जम्मू कश्मीर के लोगों को उनका हक दिलाए बिना नहीं मरूंगा। मैं बीजेपी से नहीं डरता हूं, बीजेपी को अपनी बहादुरी दिखाना हैं तो सीमा पर जाकर दिखाए यहां नहीं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा “पिछले एक साल में सरकार ने क्या किया है? मैं राज्यपाल से पूछना चाहता हूं कि सूबे में कितनी फैक्ट्रियां लगाई गईं हैं। पांच अगस्त 2019 को लिया गया फैसला अब तक का सबसे बेकार फैसला था। जम्मू कश्मीर के बीजेपी नेताओं ने कहा था कि सूबे के लोगों की जमीन और रोजगार सुरक्षित रहेंगे, लेकिन देखिए क्या हो रहा, नया भूमि कानून बनाया गया है. कहा जा रहा है कि कृषि भूमि नहीं खरीद सकेंगे, लेकिन ये जान लीजिए कि बीजेपी कृषि भूमि को भी गैर कृषि भूमि बना देगी। लोग अपनी जमीन अपने बच्चों के नाम ट्रांसफर करने से भी डर रहे हैं।”