Jammu-Kashmir, Article 370 Latest News Updates: मोदी सरकार की तरफ से आर्टिकल 370 में बड़े बदलाव और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले के चलते कश्मीर लगातार 12 दिनों से बंद है। हालांकि शुक्रवार (16 अगस्त) को अधिकारियों ने श्रीनगर में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियों में ढील दे दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी आगामी सोमवार से दफ्तर खोलने के निर्देश दे दिए हैं। घाटी में जल्द ही लैंडलाइन सुविधा भी बहाल की जाएगी।
दो हफ्तों से स्कूल, फोन, इंटरनेट सब बंदः बता दें कि राज्य में लगभग दो हफ्तों से संचार सेवाओं पर लगी पाबंदियां जारी हैं। सभी टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। स्कूल बंद हैं। दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद हैं। अधिकारी ने बताया कि घाटी में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और सुरक्षा बलों को हटाना जमीनी हालात पर निर्भर करेगा। हालांकि ईद के मौके पर राज्य में चहल-पहल देखने को मिली थी। श्रीनगर के कई इलाकों में लोगों की चहलकदमी देखने को मिली थी।
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘घाटी के ज्यादातर हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर पाबंदियों में ढील दी गई। अभी तक स्थिति शांतिपूर्ण है। सुरक्षाबलों की तैनाती पहले की तरह ही है। लोगों को शहर के आसपास और अन्य शहरों में आवाजाही की अनुमति दी गई है।’ बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से 5 अगस्त को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने की घोषणा करने से कुछ घंटे पहले ही राज्य के अधिकांश इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई थी। कश्मीर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया था।
कश्मीर पंडितों पर ये बोला प्रशासनः इधर राज्य से करीब तीन दशकों पहले निष्कासित किए गए कश्मीरी पंडितों की वापसी पर भी प्रशासन ने बयान दिया है। राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में पूरी तरह वापसी सभी पक्षों के सहयोग और समर्थन से ही मुमकिन है। उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी विस्थापितों की घाटी में पूरी तरह वापसी तभी संभव है जब कश्मीरी प्रवासियों से सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव साझा करने वाले, कश्मीर के समाज समेत सभी पक्ष सहयोग तथा समर्थन करें।’
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जल्द शुरू होगी राहत की ये प्रक्रियाएंः खान ने कहा कि शरणार्थियों के लिए 3 हजार पदों पर भर्ती और घाटी में काम कर रहे शरणार्थी कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास के निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। यह बयान जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद घाटी में तीन लाख से अधिक विस्थापित पंडितों के लौटने की उम्मीदों के मद्देनजर आया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
