Democratic Azad Party: गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी से 126 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद (Tara Chand) भी शामिल हैं। इन लोगों का कहना है कि गुलाम नबी आजाद के आसपास कुछ लोगों का गुट है, जो पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहता है।

Ghulam Nabi Azad के इर्द-गिर्द एक गुट है, जो पार्टी को बर्बाद करना चाहता है

तारा चंद ने कहा, “आज 126 लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। हम पार्टी के लिए काम कर रहे थे, लेकिन गुलाम नबी आजाद के इर्द-गिर्द एक गुट है जो पार्टी को बर्बाद करना चाहता है और उन्हें गलत जानकारी दे रहा है।” तारा चंद ने पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा और पूर्व विधायक बलवान सिंह के साथ उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने के दो दिन बाद इस्तीफा दे दिया।

कहा, आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा देना बड़ी भूल थी

उन्होंने कहा, “गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा देना एक भूल थी।” डीएपी के 100 से अधिक पदाधिकारियों और संस्थापक सदस्यों ने तीन नेताओं के समर्थन में पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा की।

हालांकि, तारा चंद ने कहा कि वे अपनी आखिरी सांस तक धर्मनिरपेक्ष रहेंगे और राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने पर इसमें शामिल होने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उनका आजाद के साथ एक लंबा संबंध है और जब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, तो हमें लगा कि हमें अपने नेता के साथ खड़ा होना चाहिए और उन्हें नैतिक समर्थन देना चाहिए।

उन्होंने कहा, “बिना किसी कारण या औचित्य के डीएपी द्वारा हमें निष्कासित करने का निर्णय हमारे लिए आश्चर्य करने वाला है। आज हमें लगता है कि आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा देने का हमारा फैसला एक बड़ी भूल थी।” चंद ने कहा, “कांग्रेस ने मुझे जनादेश दिया, मुझे कांग्रेस विधायक दल का नेता, स्पीकर और उपमुख्यमंत्री बनाया… हमें आज अपने फैसले पर पछतावा है क्योंकि हमें लगता है कि हमने अपनी पार्टी को धोखा दिया, जबकि डीएपी ने हमें धोखा दे दिया।”