What is Article 370: मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में अहम फैसला लेते हुए कश्मीर से अनुच्छेद 370 के सभी खंड निष्प्रभावी करने का संकल्प सोमवार को राज्यसभा में पेश किया। साथ ही, जम्मू-कश्मीर में आरक्षण लागू करने व राज्य का पुनर्गठन करने का प्रस्ताव भी राज्यसभा में पेश किया। दोनों ही प्रस्ताव बहुमत से पास भी हो गए। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने पर देश के सभी शहरों में जश्न का माहौल है, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध भी जता रहे हैं। आखिर क्या था आर्टिकल 370 और जम्मू-कश्मीर को इससे क्या फायदा था, जानते हैं इस रिपोर्ट में।
नजरबंद किए गए नेता: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए मोदी सरकार ने काफी पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। इसके तहत घाटी में पहले 10 हजार अर्द्धसैनिक बल भेजे गए, जिसके बाद 28 हजार अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया। हालांकि, अंतिम प्रक्रिया रविवार देर रात शुरू हुई, जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित विभिन्न राजनीतिक नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। साथ ही, घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी रोक दी गईं।
क्या है आर्टिकल 370?
आर्टिकल 370 भारतीय संविधान का एक अनुच्छेद है, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है।
संविधान के भाग 21 में इस आर्टिकल का जिक्र किया गया है, जो अस्थायी, बदलाव योग्य और विशेष प्रावधान के तहत बनाया गया है।
यह आर्टिकल राज्य के लोगों को विशेष अधिकार व सुविधाएं देता है।
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इस आर्टिकल के तहत संविधान के सभी प्रावधान, जो दूसरे राज्यों में लागू होते हैं, जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते।
बता दें कि मोदी सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया, जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन- जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायी वाली केंद्रशासित क्षेत्र होगा।