केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा जम्मू-कश्मीर से जुड़े विधेयक को लोकसभा में पेश करने के बाद, इस केंद्र शासित प्रदेश में अर्ध सैनिक बलों की नए सिरे से तैनाती की जा रही है। इस संबंद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है। सरकार से जुड़े अफसरों के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर के रिहायशी इलाकों से धीरे-धीरे सेना को हटाया जाएगा और यहां की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी जाएगी।
अफसरों का यह भी कहना है कि रिहायशी इलाकों में राष्ट्रीय राइफल्स की जगह सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया जाएगा जबकि सेना के आतंकवाद रोधी बल (Counter-Insurgency Force) को बॉर्डर एरिया में सीमित रखा जाएगा।
इस काम को बेहतर ढंग से करने के लिए सीआरपीएफ की चार अतिरिक्त बटालियनों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया है।
2019 में खत्म कर दिया था विशेष दर्जा
बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार ने अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और इसे दो हिस्सों (जम्मू और कश्मीर और लद्दाख) में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कई बार पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर चुके हैं।
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अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में Jammu and Kashmir Reorganisation (Amendment) Bill पेश किया था। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने Constitution (One Hundred and Thirtieth Amendment) Bill, 2025 और The Government of Union Territories (Amendment) Bill, 2025 बिल को भी पेश किया।
विपक्ष के विरोध के बीच तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया है।
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