कठुआ गैंगरेप और हत्या के मामले में आज (16 अप्रैल) से जम्मू-कश्मीर की चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में सुनवाई होगी। सुबह करीब 11 बजे कठुआ मामले के सभी आरोपियों को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट लाया गया, जबकि पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में परिवार को जान के खतरे की आशंका बताते हुए सुरक्षा की मांग की है। पीड़ित पिता ने इसी के साथ केस को दूसरी जगह (जम्मू से बाहर) सही तरीके से ट्रांसफर करने के लिए कहा है। कोर्ट में दो बजे इस मामले पर सुनवाई होगी। आरोपी कांस्टेबल तिलक राज के वकील असीम साहनी का कहना है कि उन्हें इस मामले में पूरी चार्जशीट मुहैया नहीं कराई गई है। उनके पास जो कुछ भी जानकारी है, वह सोशल मीडिया के माध्यम से हासिल की गई है। वह इस स्थिति में असमर्थ महसूस कर रहे हैं।
उधर, रेप पीड़िता की वकील ने अपना बलात्कार और जान का खतरा होने की आशंका जाहिर की है। रविवार (15 अप्रैल) को दीपिका सिंह राजावत ने कहा था, “मेरे साथ बलात्कार हो सकता है या फिर मेरी भी हत्या की जा सकती है। मुझे शायद कोर्ट में प्रैक्टिस न करने दी जाए। मुझे नहीं मालूम कि मैं यहां कैसे रहूंगी। हिंदू विरोधी बताकर मेरा बहिष्कार किया गया।”
Kathua rape and murder case: Visuals of the accused being brought to District Court pic.twitter.com/uw9WU1D6tN
— ANI (@ANI) April 16, 2018
महिला वकील के मुताबिक, अगर उनके साथ इस प्रकार का बर्ताव होगा तो यह हर देश के नागरिक के लिए शर्म की बात होगी। एक बच्ची के साथ इतनी दरिंदगी किए जाने के बाद भी न्यायिक प्रक्रिया में जो भी बाधा डाल रहा है, वह इंसान कहलाने के लायक नहीं है।
दीपिका ने इसी के साथ कहा था, “मैं अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाऊंगी। फिलहाल मुझे बहुत बुरा लग रहा है। निश्चित तौर पर यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आप मेरी दुर्दशा की कल्पना कर सकते होंगे। लेकिन मैं इंसाफ के साथ खड़ी हूं। हम सब आठ साल की मासूम के लिए न्याय चाहते हैं।”
ताजा मामले में आरोपी के वकील अंकुर शर्मा ने बताया कि कोर्ट के निर्देशानुसार चार्जशीट की कॉपियां सभी आरोपियों को मुहैया कराई जाएं। हम आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
क्या है मामला?: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले से जुड़ा यह मामला जनवरी का है। आरोप है कि आठ साल की मासूम को पहले अगवा किया गया। हफ्ते भर तक उसे मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया। पीड़िता को नलीशा पदार्थ देकर बार-बार उससे गैंगरेप किया गया। अंत में दरिंदों ने उसे मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने इस संबंध में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था।