दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा निकाली गई थी जिस पर पथराव किया गया और फिर हिंसा भड़क उठी। इस हिंसक घटना में 9 लोग घायल हुए जिसमें 8 पुलिसकर्मी शामिल थे। घटना के बाद से ही इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। घटना के तुरंत बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए थे।

दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभायात्रा के नेतृत्वकर्ता और विश्व हिन्दू परिषद के नेता उमाशंकर दूबे भी हिंसा में घायल हुए हैं। उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए कहा कि, “यात्रा शांति पूर्वक हो रही थी। आधी यात्रा निकल चुकी थी और कुछ कार्यकर्ता पीछे थे। उसी दौरान वहां पर 50 से 60 लोगों का एक गुट खड़ा था, जिन्होंने यात्रा पर लाठी डंडों से हमला किया, वहां भगदड़ मची, मैं आगे था और मैं फिर पीछे भागा। उस दौरान कार्यकर्ताओं पर हमले शुरू हो गए थे और ऊपर से पत्थरबाजी भी शुरू हो गई थी।”

उमाशंकर ने आगे बताया कि, “जहां पर हिंदू कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे थे, वहां पर अंसार भी उपस्थित था। वहां पर लोग बोल रहे थे अंसार भाई कोई बचना नहीं चाहिए, सबको जान से मार दो। तब मैंने अंसार से बोला था कि अंसार यह क्या करवा रहा है। सब निहत्थे हैं, छोड़ दे इन्हें। अंसार ने कहा जो किया है भुगतना तो पड़ेगा ही। इतने में मेरे गले पर पीछे से तलवार से हमला हुआ और मैं झन्ना गया। इतने में पुलिस ने मुझे देखा और अपने पास खींच लिया।”

उमाशंकर ने आगे बताया कि वहां पर जितने लोग भी मौजूद थे, लगभग सभी के हाथ में तलवार, हॉकी, डंडे थे। जिसके हाथ में कुछ नहीं था उसके हाथ में पत्थर था। अगर उन्होंने इतना बड़ा कृत्य किया है तो यह प्रायोजित था क्योंकि ये तत्काल तो नहीं हो सकता।

जहांगीरपुरी में हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोग अभी भी सोशल मीडिया के माध्यम से माहौल खराब करने में जुटे हुए हैं। सोशल मीडिया पर हम कड़ी निगरानी रख रहे हैं और अगर कोई भी माहौल खराब करता हुआ पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली पुलिस कमिश्नर बताया कि अब तक कुल 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।