विवादित इशरत जहां मुठभेड़ मामले से जुड़ी फाइलों के लापता होने की जांच करने वाली एक सदस्यीय समिति ने दावा किया है कि पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लै को मामले से संबंधित दूसरे हलफनामे में किए गए बदलाव की जानकारी थी, जो गुजरात उच्च न्यायालय में दाखिल किया जाना था। पैनल के अनुसार 18 सितंबर 2009 को तत्कालीन गृह सचिव जी के पिल्लै द्वारा तत्कालीन एटार्नी जनरल दिवंगत जी ई वाहनवती को संबोधित एक पत्र की प्रारूप प्रति गृह सचिव के कार्यालय के कंप्यूटर से बरामद हुई है। इस पत्र में पूरक हलफनामे के संबंध में कानून मंत्री के कक्ष में हुयी कुछ चर्चा का जिक्र है।
पैनल का यह दावा काफी महत्व रखता है क्योंकि कुछ महीने पहले पिल्लै ने ही आरोप लगाया था कि गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम ने ‘उनकी अनदेखी की’ और फिर से हलफनामा तैयार किया। पैनल ने कहा कि पूरक हलफनामा दाखिल किए जाने के संबंध में कानून मंत्री के कक्ष में कुछ विचार विमर्श हुआ, इस तथ्य के बारे में फाइल पर संयुक्त सचिव या तत्कालीन गृह सचिव की ओर से कोई जिक्र नहीं हुआ है। पैनल उन लोगों का पता लगाने में नाकाम रहा जो इसके लिए दोषी थे। पैनल ने निष्कर्ष दिया कि इसे ‘जानबूझकर’ हटाया गया या ‘गैरइरादतन’ कहीं और रख दिया गया।
पहला हलफनामा महाराष्ट्र और गुजरात पुलिस के अलावा खुफिया ब्यूरो से मिली जानकारी के आधार पर दाखिल किया गया था। पहले हलफनामे में कहा गया था कि 2004 में अहमदाबाद के पास मारी गयी इशरत आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य थी। लेकिन दूसरे हलफनामे में इसकी अनदेखी की गई। दूसरे हलफनामे में कहा गया कि यह साबित करने के लिए कोई निर्णायक साक्ष्य नहीं है कि इशरत आतंकवादी थी। दावा किया जाता है कि इस हलफनामे का मसौदा चिदंबरम ने तैयार किया था।
पैनल ने संकेत दिया कि तत्कालीन गृह सचिव पिल्लै और तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम के बीच आवाजाही में दस्तावेज गुम हो गए होंगे। पैनल ने पूर्व संयुक्त सचिव डी दीप्तिविलास के आचरण को लेकर सवाल किया है जिन्होंने अपूर्ण फाइल प्राप्त की थी। करीब तीन महीने की जांच के बाद अतिरिक्त सचिव बी के प्रसाद ने कहा कि दीप्तिविलास जनवरी 2008 से मार्च 2010 के बीच संयुक्त सचिव थे और उन्होंने कहा है कि तत्कालीन गृह सचिव द्वारा तत्कालीन एटार्नी जनरल को भेजे पत्र की ऑफिस प्रति उन्होंने नहीं देखी। पैनल के अनुसार दीप्तिविलास ने एक सीलबंद लिफाफा देखा था जो एजी कार्यालय को भेजा गया था। उन्होंने कहा कि यह पत्र फाइल का हिस्सा नहीं था।