बिहार में शराबबंदी होने से विदेशी पर्यटक नहीं आ रहे हैं। राज्य में पर्यटन के कई बड़े स्पॉट होने के बावजूद पिछले काफी समय से पर्यटकों की आमद काफी कम होने को लेकर भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (IRCTC) ने चिंता जताई है। उसका कहना है कि जब तक बिहार में विदेशियों के मुताबिक सुविधाएं नहीं मुहैया कराई जाएंगी तब तक यहां पर्यटक नहीं आएंगे। इससे विदेशी मुद्रा और रोजगार दोनों पर असर पड़ रहा है।
आईआरसीटीसी का मानना है कि अगर विदेश पर्यटकों को राज्य में आकर्षित करना है तो शराबबंदी में ढील देनी होगी। विदेश पर्यटकों को शराब पीने के लिए उपलब्ध कराई जाए तो काफी संख्या में विदेशी पर्यटक यहां आ सकते हैं।
आईआरसीटीसी के ईस्ट जोन के ग्रुप जनरल मैनेजर जफर आजम ने मीडिया से कहा, “बिहार सरकार अगर चाहे और अगर हमारे ब्लूप्रिंट पर काम करे तो करोड़ों डॉलर आ सकता है। और दस हजार से अधिक रोजगार का सृजन हो सकता है।” कहा कि बिहार सरकार को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए। इससे राज्य में पैसा और रोजगार दोनों के पैदा होने का रास्ता खुलेगा।
कहा कि पूरे देश में बिहार इकलौता ऐसा राज्य है जहां सभी धर्म के तीर्थस्थल हैं
उन्होंने कहा, “पूरे देश में बिहार इकलौता ऐसा राज्य है जहां हिंदू धर्म तीर्थस्थल, बौद्ध तीर्थस्थल, जैन तीर्थस्थल, सिख तीर्थस्थल और यहां तक कि ब्रिटिश का भी हैं।” लेकिन विदेश के लोगों के लिए जरूरी खानपान नहीं उपलब्ध होने से वे यहां आने से मना कर देते हैं।
जफर आजम ने कहा कि जैसे हम पानी पीते है, वैसे वे लोग शराब पीते हैं, वह उनकी लाइफस्टाइल है। अगर आप चाहते हैं कि विदेशी मुद्रा आए और विदेशी पर्यटक आएं तो आपको उनको उनके हिसाब से भोजन और पीने की आजादी देनी होगी, नहीं तो वे क्यों आएंगे।
आईआरसीटीसी के ग्रुप जीएम ने कहा कि हमने कई देशों में इसको लेकर चर्चा की तो वे लोग बोले कि हम कैसे जाएं बिहार, जिस चीज के बिना हम लोग एक दिन भी जिंदा नहीं रह सकते हैं, तब कैसे जाएं। वे बोले कि मन तो बहुत करता है कि बोध गया जाएं, लेकिन जा नहीं पाते हैं, मन तो बहुत करता है कि वैशाली जाएं, लेकिन जा नहीं पाते हैं।