दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यहां एक अदालत को बताया कि आइएसआइ से जुड़े लोगों को कथित तौर पर संवेदनशील दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांच में से चार लोगों ने पाकिस्तानी खुफिया एजंसी से पैसे लिए थे। इन सभी को सरकारी गोपनीयता कानून के तहत आरोपित किया गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अदालत को बताया कि आरोपी कफइतुल्ला खान उर्फ मास्टर राजा ने आइएसआइ से 30,000 रुपए जबकि जम्मू-कश्मीर लाइट इंफैंट्री यूनिट का हवलदार फरीद अहमद ने 10,000 रुपए हासिल किए थे।
पुलिस ने बताया कि इसी तरह गिरफ्तार आरोपी और पूर्व थलसैनिक मुनव्वर अहमद मीर ने 40,000 रुपए लिए थे जबकि पेशे से शिक्षक मोहम्मद सबर ने आइएसआइ से जुड़े लोगों को दस्तावेज मुहैया कराने की एवज में उनसे 10,000 रुपए लिए थे। इन चार आरोपियों के अलावा, बीएसएफ के हेड कांस्टेबल अब्दुल राशिद को भी मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल के समक्ष पेश किया गया। आरोपियों की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच अधिकारी ने कहा था कि अब उन्हें पुलिस हिरासत में रखकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है।
जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि उन्हें एक सीडी मिली है जिसमें इन आरोपियों और पाकिस्तान स्थित उनके आकाओं के बीच की बातचीत है और उसे जांच के लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है। जांच अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के पास से कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए हैं और पुलिस उनकी छानबीन कर रही है। धन के अंतरण के बाबत पुलिस ने कहा कि आरोपियों को अपने बैंक खातों में आइएसआइ से पैसे मिल रहे थे और उन्हें दो आरोपियों के बैंक खातों की विस्तृत जानकारी मिली है। सुनवाई के दौरान पुलिस ने यह भी कहा कि लाभ लेने वाले कुछ और लोग भी हैं जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है। इससे पहले, इन आरोपियों को तब पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था जब जांच अधिकारियों ने कहा था कि समूची साजिश और उस मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के लिए उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ करने की जरूरत है जिसके जरिए वे संवेदनशील दस्तावेज और सूचनाएं आइएसआइ से जुड़े लोगों को मुहैया करा रहे थे।
कफइतुल्ला खान को 26 नवंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से तब गिरफ्तार किया गया था जब वह जम्मू से भोपाल जा रहा था। कफइतुल्ला से पूछताछ के आधार पर अब्दुल रशीद को जम्मू से गिरफ्तार किया गया था।
फरीद को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जबकि मुनव्वर और सबर को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया।