आदित्य बिरला समूह की इंडो गल्फ फर्टिलाइजर्स कंपनी अब ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के हवाले हो गई है। जिससे कंपनी का मालिकाना हक बदल गया है। पहले कंपनी के मालिक राजेंद्र सखाराम संखे थे। अब सुरेश चंद्र डाड है। कंपनी की मालियत 27 अरब 15 करोड़ 77 लाख 26 रुपए है। कंपनी के क्रय-विक्रय से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी को 243 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। जिससे अमेठी में मुसाफिरखाना उप निबंधक कार्यालय मुनाफे में सबसे आगे हैं।

अमेठी के स्टांप कलेक्टर सीपी मौर्य ने बताया कि ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने यूपीएसआईडीसी से चार अरब नवासी करोड़ बयासी लाख उनहत्तर हजार रुपए की मालियत की जमीन लीज पर ली है। इससे जमीन के बैनामे में उन्तालीस करोड़ उन्नीस लाख इकसठ हजार छह सौ छप्पन रुपए का राजस्व मिला है। इसमें चौंतीस करोड़ उनतीस लाख अठहत्तर हजार सात सौ 66 रुपए स्टांप शुल्क और चार करोड़ नवासी लाख बयासी हजार आठ सौ नब्बे रुपए का निबंधन शुल्क मिला है।

उन्होंने बताया कि इसके पहले अगस्त 2020 में आदित्य बिरला समूह की यूनिट इंडोगल्फ फर्टिलाइजर कंपनी को ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने क्रय किया था। कंपनी के क्रय-विक्रय में चार अलग-अलग बैनामे हुए थे। कंपनी की मालियत सत्ताइस अरब पंद्रह करोड़ सतहत्तर लाख छब्बीस हजार रुपए थी।

इसके बैनामे में 203 करोड़ 63 लाख 96 हजार 380 रुपए का राजस्व मिला था। इसमें एक अरब 76 करोड़ 48 लाख 18 हजार 460 रुपए का स्टांप शुल्क और 27 करोड़ 15 लाख 77 हजार 920 रुपए का निबंधन शुल्क जमा हुआ था।

मौर्य ने बताया कि दोनों कंपनियों के क्रय-विक्रय में उप निबंधक कार्यालय को करीब 243 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है। इससे मुसाफिरखाना का उप निबंधक कार्यालय मुनाफे में सबसे आगे हैं।

सदर के रजिस्ट्रार प्रदीप ओबेरॉय ने कहा कि एक अप्रैल से 31 जुलाई तक 6 करोड़ 70 लाख 57 हजार 670 रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है, जबकि तिलोई के रजिस्ट्रार श्याम बिहारी ने बताया कि 4 करोड़ 91 लाख 86 हजार 230 रुपए राजस्व मिला है।

मुसाफिरखाना के प्रधान लिपिक अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि 10 करोड़ 24 लाख 56 हजार 180 रुपए और अमेठी के रजिस्ट्रार सिद्धार्थ श्रवण के आफिस को 7 करोड़ 17 लाख 57 हजार 710 रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। दुर्गेश ने बताया कि कुल मिलाकर आमदनी 68 करोड़ 29 लाख 23 हजार 446 रुपए है।