इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़े किस्सों की जानकारी राजनीति पर लिखी गईं अलग-अलग किताबों में पढ़ने को मिलती है। मध्य प्रदेश में इंदिरा गांधी से जुड़े एक रोचक किस्से का जिक्र दीपक तिवारी ने अपनी किताब राजनीतिनामा में किया है, उन्होंने बताया कि किस तरह से इंदिरा गांधी ने असहज महसूस कर रहीं अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज सिंह को संभाला था। घटना 1978 की है, इंदिरा गांधी उन दिनों सत्ता से बाहर थीं, वो अपने कुछ खास लोगों के साथ दतिया, पीताम्बरा पीठ के दर्शन करने आई थीं, तो भोपाल में अर्जुन सिंह के आवास पर ठहरने के लिए चली गईं।
इंदिरा गांधी की आने की सूचना मिलते ही पूरा परिवार शिवाजी नगर स्थित C-19 को सजाने संवारने में जुट गया। तय हुआ कि इंदिरा गांधी अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह राहुल के रुम में रुकेंगी। प्रधानमंत्री के हिसाब से कमरे की सफाई की जाने लगी। अर्जुन सिंह की पत्नी अजय सिंह के कमरे में चल रहीं तैयारियों का जायजा लेने गईं तो उनकी नजर कमरे में लगे सुंदर लेकिन उत्तेजक तस्वीरों पर पड़ी। इन तस्वीरों को देखते ही सरोज सिंह बिफर पड़ीं।
उन्होंने बेटे को फटकार लगाई। उन दिनों लोगों के कमरों में इस तरह के पोस्टरों को आम माना जाता था। पूर्व पीएम को दौरे को देखते हुए सरोज सिंह ने नौकरों से बोलकर पोस्टरों को ब्राउन पेपर से ढकने के निर्देश दे दिए। काम करने वाले लोगों ने भी ऐसा ही किया, इंदिरा गांधी के पहुंचने से पहले कमरे को पूरी तरह से सुसज्जित कर दिया गया और जरूरत की सभी चीजें मुहैया करा दी गईं।
रात को इंदिरा गांधी, अर्जुन सिंह के आवास पर पहुंची। पार्टी के नेताओं से मुलाकात के बाद जब वह कमरें में गईं तो दीवार पर लगे ब्राउन पेपर नजर पर उनकी नजर पड़ी । उन्होंने अपने स्टाफ से बोलकर वहां पर लगे ब्राउन पेपर को हटाने के लिए कहा। जब वह पेपर हटाए गए तो पोस्टरों को देखते ही इंदिरा गांधी ने उनकी तारीफ की। लेकिन अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज सिंह यह जानकर लज्जित महसूस करने लगीं।
अगले दिन जब वह सोरज सिंह से नाश्ते पर मिली तो उन्होंने कहा कि आपको ऐसे पोस्टरों पर परेशान होने की जरूरत नहीं है। हमारे घर में राजीव गांधी और संजय गांधी तो इससे भी बोल्ड पोस्टर लगाते हैं। इंदिरा गांधी के ऐसा कहते ही सरोज सिंह मुस्कुराने लगी और उनके मन में बैठी जा रही असहजता कहीं दूर भाग गई। हालांकि किताब में इस बात का जिक्र नहीं है कि राजीव गांधी और संजय गांधी के कमरों में किस तरह के पोस्टर हुआ करते थे।
अर्जुन सिंह के साथ इंदिरा गांधी के पारिवारिक रिश्ते काफी मजबूत माने जाते थे। इंदिरा गांधी के भोपाल प्रवास के दौरान अर्जुन सिंह के बेटे ही इंदिरा गांधी की कार चलाया करते थे। पूर्व पीएम को एम्बेसडर की आगे की सीट भाती थी। उनकी कार की पीछे की सीट पर अर्जुन सिंह और विद्याचरण शुक्ल बैठा करते थे।