भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) के संस्थापकों में जारी विवाद के बीच प्रवर्तक राकेश गंगवाल और सह-संस्थापक राहुल भाटिया के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं। गंगवाल ने बाजार नियामक सेबी द्वारा जारी मुद्दों के समाधान के लिए हस्तक्षेप की मांग की है। यही नहीं इंडिगो के संस्थापकों में जारी विवाद के बीच प्रवर्तक राकेश गंगवाल ने एयरलाइन में संचालन में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए कहा, ‘पान की दुकान’ भी अपने मामलों को इससे बेहतर तरीके से संभालती है।

राकेश गंगवाल ने आरोप लगाया कि कंपनी ने मूल सिद्धांतों और संचालन मूल्यों से पीछे हटना शुरू कर दिया है। इन्हीं सिद्धांतों और मूल्यों ने कंपनी को आज इस मुकाम पर पहुंचाया है। बता दें कि गंगवाल और उनके सहयोगियों की इंटरग्लोब एविएशन में करीब 37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है। साथ ही सह -संस्थापक राहुल भाटिया एवं उनके सहयोगियों की कंपनी में करीब 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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गंगवाल ने बाजार नियामक सेबी को लिखे पत्र में कंपनी में संचालन के स्तर पर कई गंभीर खामियों को उठाया है। उन्होंने भाटिया तथा उनकी कंपनियों पर संदिग्ध लेनदेन में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, शेयरधारकों के समझौते में उनके दोस्त भाटिया को इंडिगो पर असामान्य नियंत्रण अधिकार दिए गये हैं। उन्होंने पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत अन्य लोगों को भेजी है।

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गंगवाल के निदेशक मंडल को असाधारण आम बैठक बुलाने के बारे में खिले जाने के बाद भाटिया ने 12 जून को प्रस्ताव का विरोध किया था। बता दें कि मई के अंत में 49 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है। इंडिगो के पास 200 से अधिक विमान हैं और प्रतिदिन लगभग 1,400 उड़ानें संचालित होती हैं।