रेलवे डिजिटल मंचों पर अपनी विरासतों को प्रदर्शित करने और उनका डिजटलीकरण के लिए गूगल के साथ हाथ मिलाएगा। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गूगल रेलवे की विरासतों का डिजिटलीकरण करने और उनकी मुफ्त सार्वभौमिक आॅनलाइन पहुंच सुनिश्चित कराने के वास्ते उनका डिजिटल भंडार तैयार करने में मदद पहुंचाने के लिए उसके साथ साझेदारी करेगा। भारतीय रेलवे के पास पुलों, भाप इंजनों, भवनों, कलाकृतियों और संग्रहालयों जैसे ढेरों विरासत हैं जिन्हें वैश्विक दर्शकों के लिए प्रदर्शित किया जा सकता है।

इस संबंध में शीघ्र ही राष्ट्रीय रेल संग्रहालय और गूगल कल्चरल इंस्टीट्यूट :जीसीआई: के बीच करार पर दस्तखत होंगे। जीसीआई गैर लाभकारी संगठन है जो वैश्विक सांस्कृतिक विरासत को आॅनलाइन सामने लाने के लिए सांस्कृतिक संगठनों के साथ साझेदारी करता है। जीसीआई आॅनलाइन उपकरण तैयार करता है और उन्हें संस्थनों को अपनी सांस्कृतिक परिसंपत्तियां प्रदर्शित एवं साझा करने के लिए उपलब्ध कराता है।

अधिकारी ने बताया कि यह साझेदारी न केवल एनआरएम को आॅनलाइन अभिगम्य बनाएगी और आभासी टूर प्रदान करेगी बल्कि यह इस राष्ट्रीय परिहवनकर्ता के पूरी धरोहर भंडार के डिजिटलीकरण में मदद पहुंचाएगी। इस भंडार में 20 से अधिक संग्रहालय, सैकड़ों भाप इंजन, डिब्बे, स्टेशन भवन, पुल आदि हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये चीजें आॅनलाइन हो जाने के बाद बहुत बड़े पर्यटक आकर्षण का काम करेंगी।’’