सरकार ने आज राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले के बारे में बताया। सरकार का कहना था कि कुछ भारतीय शहरों को निशाना बनाने की आतंकवादियों की साजिश को विफल करने के लिए यह कदम उठाया गया। आधे घंटे की सर्वदलीय बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया जो जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा एवं पुंछ में नियंत्रण रेखा के पार 6000 फुट की ऊंचाई पर की गयी तथा कुछ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘गृहमंत्री ने सर्वदलीय बैठक को लक्षित हमले के बारे में बताया जिसे सेना ने न केवल जम्मू कश्मीर बल्कि कुछ अन्य महत्वपूर्ण शहरों में हमला करने की आतंकवादियों की साजिश को विफल करने के लिए किया।’
सेना की कार्रवाई उरी में आतंकवादी हमले के बाद हुई है। उरी में 18 सितंबर को आतंकवादी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। नायडू ने बताया कि आतंकवादियों ने इन्हीं ठिकानों से भारत के खिलाफ हमले किए थे और भविष्य में भी ऐसा करने की उनकी योजना थी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और सेना के पास सूचना थी कि इन आतंकवादियों की फिर घुसपैठ करने और जम्मू कश्मीर एवं अन्य स्थानों पर विध्वंस फैलाने की योजना थी। ’ उन्होंने बताया कि सफल अभियान के बाद सेना के कर्मी बिना कोई नुकसान उठाए अपने अपने अड्डे पर वापस लौट आए।
उन्होंने कहा कि ज्यादा ब्योरा बाद में उपलब्ध होगा। मंत्री ने बताया कि कांग्रेस, राकांपा, माकपा, बसपा, शिवसेना, लोजपा, और तेदेपा के प्रतिनिधियों ने भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की तथा सरकार को भविष्य में ऐसी किसी भी कार्रवाई पर अपने समर्थन का आश्वासन दिया। जिन लोगों ने इस बैठक में हिस्सा लिया उनमें कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा नेता सीताराम येचुरी, बसपा नेता सतीश मिश्रा, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और राकांपा नेता शरद पवार शामिल थे। गृह मंत्री राजनाथ सिंह और नायडू के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी बैठक में मौजूद थे।
नायडू ने बताया कि लक्षित हमला इसलिए किया गया क्योंकि पाकिस्तान अपने तौर तरीके नहीं बदल रहा और भारत के धैर्य का इम्तिहान ले रहा था। सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सर्वदलीय बैठक को इसके बारे में बताया। यह सर्वदलीय बैठक सेना द्वारा की गयी कार्रवाई के बारे में राजनीतिक दलों को सूचित करने के लिए बुलायी गयी थी। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लक्षित हमले के बारे में बताया था।
सर्वदलीय बैठक से तुरंत पहले जम्मू कश्मीर समेत विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इस नवीनतम घटना के बारे में बताया गया।
सुषमा स्वराज इस संंदर्भ में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मिलीं। नायडू ने कहा कि आज की कार्रवाई से पाकिस्तान को यह अहसास हो जाना चाहिए कि भारत भविष्य में उरी जैसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पंड़ोसी आतंकवाद को प्रश्रय, बढ़ावा दे रहा है तथा धन उपलब्ध करा रहा है।’ उन्होंने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में की गयी कार्रवाई से खुश है। जब उनसे सवाल किया गया कि पाकिस्तान पीओके में भारतीय कार्रवाई से इनकार कर रहा है तो उन्होंने कहा कि ‘और वे क्या कह सकते हैं।’
सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने वाले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में आतंकवादी संगठनों और उनके ठिकानों पर सफल आतंंकवाद निरोधक अभियानों को लेकर सेना को बधाई दी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। उन्होंने भारत विरोधी मंसूबों को ध्वस्त कर असाधारण साहस और पराक्रम का एक बार फिर परिचय दिया है। मैं अहम वक्त में बड़ा फैसला करने और जज्बा दिखाने के लिए प्रधानमंत्री को भी बधाई देता हूं।’ राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी बहुत अच्छे एवं सफल अभियान के लिए सेना को बधाई देती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बताया गया कि दूसरी तरफ बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए जबकि हमारे सैनिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और वे सुरक्षित लौट आए। हम सुरक्षाबलों की तमाम कार्रवाई का समर्थन करेंगे ताकि आतंकवाद खत्म हो और पाकिस्तान अपनी सरजमीं से किसी आतंकी गतिविधि का समर्थन नहीं करे। ’’येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी सैन्य कार्रवाई का समर्थन करती है लेकिन महसूस करती है कि सैन्य कार्रवाई जवाब नहीं है तथा दोनों पड़ोसियों के बीच वार्ता बहाल होनी चाहिए।
