केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज कहा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी था लेकिन लॉर्ड मैकाले की पाश्चात्य अवधारणाओं की वजह से पिछड़ गया और इससे देश की संस्कृति भी प्रभावित हुई। बिहार के नवादा से सांसद सिंह ने कहा कि अगर आजादी के बाद आयुर्वेद पर ध्यान दिया गया होता तो जड़ी बूटी वाले पौधों से हर तरह की दवाएं बनायी जा सकती थीं और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र कारोबार नहीं बनता। वह बिहार में पदस्थ आईएएस अधिकारी एसएम राजू के फॉर्मूले पर आधारित जड़ी-बूटियों की श्रृंखला को जारी करने के मौके पर बोल रहे थे।
एक वक्तव्य के मुताबिक इन उत्पादों को एफडीए के मानकों के तहत मंजूरी मिली है और आयुष मंत्रालय से मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं में इन्हें जांचा परखा गया है। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक भी इस मौके पर उपस्थित थे। सिंह ने कहा, ‘‘आजादी के बाद पूरी दुनिया में हमारी शिक्षा हमारी यूएसपी थी। लेकिन मैकाले की शिक्षा ने इसे बर्बाद कर दिया और हम आज तक इसके नतीजे भुगत रहे हैं। भाषा के माध्यम से हमारी संस्कृति को बिगाड़ा गया। उसके बाद स्वास्थ्य को।’’
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि किस वजह से शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ गया भारत
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज कहा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी था लेकिन लॉर्ड मैकाले की पाश्चात्य अवधारणाओं की वजह से पिछड़ गया और इससे देश की संस्कृति भी प्रभावित हुई।
Written by एजंसी
नई दिल्ली

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First published on: 11-10-2016 at 17:33 IST