यूपी के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सोमवार (30 मई, 2022) को कहा कि अपने देवताओं के कारण भारत विश्वगुरु बना है और वे इसकी पहचान हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकार, समुदाय या संगठन देवताओं से जुड़े स्थानों को सुशोभित करना चाहता है, तो इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति को सुरक्षित करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है, मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है, और काशी (वाराणसी) भगवान शिव के द्वारा बसाई नगरी है। इन्हीं देवताओं के कारण ही भारत की पहचान है और उन्हीं की वजह से भारत विश्वगुरु बना है’।
मंत्री ने कहा कि आज दुनिया गीता को पढ़ को रही है, जिसमें भगवान कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं। वहीं भगवान राम से पूरी दुनिया को संदेश मिल रहा है कि एक आदर्श पुत्र, आदर्श पति, आदर्श भाई और आदर्श मित्र कैसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को सुरक्षित करने का अब अवसर आ गया है। जिसको 800-850 साल पहले नष्ट कर दिया गया था।
वहीं चौधरी ने वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद मामले और मथुरा के शाही ईदगाह मामले पर कुछ भी रहने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि यह दोनो मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
गन्ना विकास मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘एक बात मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अन्य जगहों के लिए सर्वेक्षण किया जा सकता है, लेकिन जहां तक मथुरा का सवाल है, वहां किसी भी तरह के सर्वेक्षण की कोई गुंजाइश नहीं है’।
बता दें, इस वक्त उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद का मुद्दा जोर पकड़े हुए है। इन मुद्दों पर तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार ( 30 मई, 2022) को लखनऊ में शिवालय वाली मस्जिद को लेकर मामला गर्मा गया। यहां बीजेपी नेता अभिजात मिश्रा कलश लेकर जलाभिषेक के लिए अपने समर्थकों के साथ शिवालय वाली मस्जिद के लिए निकले थे कि इससे पहले पुलिस ने उनको रोक लिया और उनको घर वापस भेजा। बीजेपी नेता का दावा है कि शिवालय वाली मस्जिद नहीं मंदिर है। इसको मुगल आक्रांताओं ने तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया, लेकिन अब वक्त आ गया है कि शिवालय मंदिर को वापस लिया जाए।