झारखंड में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा ने आपदा प्रबंधन विभाग से राज्य में पाबंदी लगाने की मांग की है। झारखंड के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने 2 जनवरी को इस बाबत पत्र जारी कर 15 जनवरी तक के लिए फौरन पाबंदी लगाने का आग्रह किया है। आपको बता दें कि देवघर, रांची समेत झारखंड के 5 जिलों में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। 20 दिनों के अंदर मरीजों में 60 फीसदी का इजाफा हुआ है। 1 जनवरी को राज्य में 1007 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें रांची में अकेले 495 पॉजिटिव मरीज हैं। कोरोना विस्फोट के मद्देनजर स्वास्थ्य महकमा ने 15 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लगाने का सुझाव दिया है।
इधर देवघर के जाने- माने सामाजिक कार्यकर्ता संजय भारद्वाज ने केंद्र सरकार से ओमिक्रोन के जांच की सुविधा झारखंड में उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही लोगों को कोविड-19 के नियमों के पालन करने की अपील भी की है। राज्य के अपर मुख्य सचिव के सुझावों पर आपदा प्रबंधन विभाग जल्द निर्णय लेगा। पत्र के मुताबिक पार्क, जिम, धार्मिक स्थल, स्वीमिंग पूल , स्कूल-कालेज को 15 जनवरी तक बंद कर देने को कहा गया है।
इसके अलावा रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर भी रोक लगाने को कहा गया है। केवल होम डिलीवरी देने की सलाह दी है। साथ ही शादी, अंतिम संस्कार या दूसरे प्रयोजनों में केवल 50 लोगों को अनुमति इस शर्त पर दी जाए कि कार्यक्रम में शरीक होने वाले वैक्सीन के दोनों डोज लगा चुके हैं।
इसके अलावे गैर जरूरी दुकानें एक दिन छोड़कर खोली जाए। रविवार को संपूर्ण बंदी रहे। जरूरी दुकानें खोली जाए। दफ्तरों में 50 फीसदी उपस्थिति के साथ काम हो। बायोमीट्रिक अटेंडेंस रोक दी जाए। मॉल को बंद किया जाना चाहिए। अगर खुले तो केवल 25 फीसदी ग्राहकों के प्रवेश की इजाजत हो। वह भी शर्त के साथ कि दोनों वैक्सीन लगाए लोग ही प्रवेश करें।
अपर मुख्य सचिव ने पत्र में आगे लिखा है कि दूसरे राज्यों से आने वालों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी हो। दूसरे राज्यों से आने वालों को वैक्सीनेशन लगाने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। पांच साल से नीचे के बच्चों की टेस्टिंग नहीं होगी, मास्क लगाने से छूट भी हों।
हालांकि ठंड भी बिहार-झारखंड में कड़ाके की पड़ रही है। पटना में 8 जनवरी तक सभी स्कूल बंद कर देने का आदेश जारी हुआ है। मगर राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर अभी तक कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया है।
