दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को जानना चाहा कि क्या वह उस याचिका पर जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई कर सकता है जिसमें दावा किया गया है कि नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ के कुछ दृश्य पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए अपमानजनक हैं और इन्हें हटाया जाना चाहिए। अदालत ने याची से कहा कि वे उसे संतुष्ट करें कि इस मामले में अदालत कैसे हस्तक्षेप कर सकती है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंदर शेखर के पीठ ने याची के वकील से इस बिंदु पर अपनी दलील पेश करने के लिए कहा कि यह जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई योग्य है या नहीं। पीठ ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख तय की। पीठ ने कहा कि उसने याची द्वारा पेश की गई सीरीज की सीडी देखी है और उसे इसमें कुछ भी तत्काल सुनवाई योग्य नहीं लगा क्योंकि इसके सभी एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं। उसने पूछा कि कलाकारों को उनकी भूमिकाएं निभाने के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अदालत ने कहा कि एक व्यक्ति को अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार है, चाहे वह सही हो या गलत। पीठ ने पूछा कि जहां तक राजीव गांधी का संबंध है तो क्या सीरीज में अन्य टिप्पणियां या कोई अन्य सामग्री है? क्या प्रसारण करने से पहले सीबीएफसी के किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है?

अदालत वकील निखिल भल्ला की याचिका पर सुनवाई कर रही है। वकील शशांक गर्ग की ओर से दायर याचिका में दलील दी गई है कि सैफ अली खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत कार्यक्रम में बोफर्स मामला, शाह बानो मामला, बाबरी मस्जिद मामला और सांप्रदायिक दंगे जैसी देश की ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है।
नेटफ्लिक्स की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील चंदर लाल और प्रोडक्शन हाउस फैंटम की ओर से राजीव नयर ने कहा कि सीरीज में आठ एपिसोड हैं जिनमें सभी का प्रसारण हो चुका है और इन्हें सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। याची के वकील ने अदालत को बताया कि भल्ला कांग्रेस के सदस्य रहे हैं लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर यह याचिका दायर की है और यह निजी हित का मामला नहीं है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कार्यक्रम में कुछ दृश्य और संवाद दिवंगत कांग्रेस नेता का अपमान करते हैं।

याचिका में नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट, कार्यक्रम की निर्माता फैंटम फिल्म्स प्रोडक्शन लिमिटेड और केंद्र को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि पूर्व प्रधानमंत्री या उनके परिवार के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर की गई कथित अपनमानजनक टिप्पणियों और दृश्यों को ‘पूर्णत:’ हटाया जाए। याचिका में कहा गया है कि कार्यक्रम के पहले सीजन में आठ एपिसोड हैं जो छह जुलाई को प्रसारित हुए और ये चार भाषाओं में 190 देशों में उपलब्ध हैं।