कर्नाटक की कांग्रेस सरकार तमाम दावों के बावजूद राज्‍य में सांप्रदायिक हिंसा पर लगाम लगाने में असफल रही है। भाजपा कार्यकर्ता की हत्‍या के प्रतिशोध में मंगलुरु में संघ परिवार से जुड़े सात युवाओं ने एक मुस्लिम व्‍यक्ति पर जानलेवा हमला कर दिया था। उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार को उनकी मौत हो गई थी। हमलावरों ने भजपा कार्यकर्ता दीपक राव की हत्‍या का बदला लेने की बात स्‍वीकार की है। सीसीटीवी फुटेज की छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सिद्दरमैया सरकार ने मृतक के परिजनों को दस लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

जानकारी के मुताबिक, मारे गए व्‍यक्ति की पहचान अहमद बशीर (47) के तौर पर हुई है। मंगलुरु के पुलिस कमिश्‍नर टीआर. सुरेश ने बताया कि आरोपियों की पहचान श्रीजित पीके. (उप्‍पाला), संदेश कोटायम (कासरगोड़), धनुष पुजारी और किशन पुजारी (मंगलुरु निवासी भाई) के तौर पर की गई है। तीन अन्‍य हमलावरों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। मालूम हो कि बुधवार (3 जनवरी) को कटिपल्‍ला में भाजपा कार्यकर्ता दीपक राव की हत्‍या कर दी गई थी। इसके बाद सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील दक्षिण कन्‍नड़ जिले में तनाव बढ़ गया था। इलाके के कोट्टारा चौकी में बड़ी संख्‍या में लोग इकट्ठा हो गए थे। उसी वक्‍त बशीर पर हमला कर दिया गया था। अस्‍पताल में चार दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद बशीर ने रविवार सुबह को अंतिम सांस ली थी। मुख्‍यमंत्री सिद्दरमैया ने हाल के कुछ दिनों में हुई हत्‍याओं को ‘अमानवीय’ करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने देगी और ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।

बशीर के परिजनों ने जनाजा नहीं निकालने का निर्णय लिया और एक स्थानीय मस्जिद परिसर में उसे दफनाने का फैसला किया। कर्नाटक के अतिरिक्त डीजीपी (कानून -व्यवस्था) कमल पंत ने उस अस्पताल का दौरा किया जहां बशीर भर्ती थे । टीआर. सुरेश ने बताया कि पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये सभी इंतजाम किए हैं। तनाव को देखते हुए पुलिसकर्मियों को चौकन्‍ना रहने का निर्देश दिया गया है। वहीं, कर्नाटक के वन मंत्री रामनाथ राय ने हत्याओं के पीछे आरएसएस का हाथ होने का आरोप लगाया है।