उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे आज सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। विकास को कल सुबह मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था। विकास दुबे को फर्जी मुठभेड़ से बचाने के लिए गुरुवार की शाम आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई आज होनी है। लेकिन सुनवाई से पहले ही दुबे का सुबह एनकाउंटर हो गया।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि पुलिस विकास दुबे का एनकाउंटर कर सकती है इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए। यह याचिका मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की गई है। घनश्याम ने कोर्ट से कहा था कि जिस तरह विकास दुबे का घर, प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया वह गलत है। इसमें पुलिस के खिलाफ एफ़आईआर की मांग भी की गई है। वहीं जिस शूटआउट में 8 पुलिसवाले शहीद हुए है उसकी जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है।
विकास को आज सुबह यूपी पुलिस की एक एसटीएफ़ टीम उज्जैन से कानपुर ला रही थी। पुलिस के मुताबिक तेज बारिश और रफ्तार की वजह से कानपुर से करीब दो किलोमीटर पहले भौती में एसटीएफ़ की एक गाड़ी पलट गई। उसी गाड़ी में विकास दुबे भी था, गाड़ी पलटने का फायदा उठाते हुए विकास ने हथियार छीकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया।
कानपुर पश्चिम से एसपी अनिल कुमार ने कहा “विकास दुबे को जब लाया जा रहा था तब गाड़ी पलट गई, इसमें जो पुलिसकर्मी घायल हुए उसने उनका पिस्टल छीनने की कोशिश की। पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर कर आत्मसमर्पण कराने की कोशिश की जिसमें उसने जवाबी फायरिंग की। आत्मरक्षा में पुलिस ने फायरिंग की।” IG कानपुर रेंज ने बताया कि मुठभेड़ में 2 इंस्पेक्टर समेत 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायल सिपाहियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।