कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन का पालन कराने में पुलिसकर्मियों की भूमिका काफी अहम रही है। इस मेहनत के लिए देशभर में पुलिसवालों को संवेदनशीलता से काम करने के लिए सराहा भी गया है। हालांकि, कुछ जगहों पर प्रतिबंधों के दौरान पुलिस की बर्बरता भी देखने को मिली, जिन पर शासन-प्रशासन ने कार्रवाई भी की। ऐसा ही एक मामला लॉकडाउन खत्म होने के बाद मध्य प्रदेश के औद्योगिक शहर कहे जाने वाले इंदौर से आया है। यहां एक सब्जी विक्रेता ने पुलिसकर्मियों पर चोरी के कथित आरोपों पर उसे बुरी तरह पीटने का इल्जाम लगाया है। फिलहाल इस मामले में प्रशासन ने हस्तक्षेप किया है।
सब्जीवाले का नाम अजय गनवाने बताया गया है। उसने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने उसे पिछले हफ्ते बुरी तरह पीटा। इस घटना के बाद उसके शरीर पर कई चोटें आईं, जो अभी तक ठीक नहीं हुईं और उनके निशान शरीर पर छूट गए। अजय के मुताबिक, दो पुलिसवालों ने उसे 4 जून को सिरपुर तालाब ले जाकर प्लास्टिक पाइपों और छड़ियों से बेतरतीब मारा। सब्जी विक्रेता का आरोप है कि जिस चोरी के आरोप उस पर लगाए गए हैं, वह करीब तीन से चार महीने पहले हुई थी।
अजय का कहना है कि पुलिसवाले 5 जून को एक बार फिर उसे पकड़कर थाने ले गए। यहां उन्होंने उसे बांधकर मारा। पीड़ित ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि जब उसने पानी मांगा तो पुलिसवालों ने गंदा पानी पीने के लिए दिया और उसके हाथों को भी कुचला गया। बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ दिया।
इस घटना पर इंदौर पश्चिम के एसपी महेश चंद जैन ने कहा कि सब्जीवाले के आरोपों के तहत दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उन दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और जांच के बाद उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।
पहले भी सामने आ चुकी है पुलिस बर्बरता की घटना: बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश में कुछ पुलिसकर्मियों का ऐसा बर्बर चेहरा सामने आया है। कुछ दिन पहले ही सागर जिले में एक महिला को पुलिसवालों ने इसलिए जबरदस्त तरीके से पीटा था, क्योंकि वह बिना मास्क लगाए बेटी के साथ बाजार चली गई थी। महिला के बालों को पकड़कर घसीटा गया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था।