छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की एकमात्र सीट भाजपा के खाते में गई है। राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी की प्रत्याशी सरोज पांडे को विजयी घोषित किया गया है। वह कांग्रेस के लेखराम साहू को हराने में कामयाब रहीं। राज्य में रज्यसभा की एक सीट के लिए 23 मार्च (शुक्रवार) को मतदान हुआ था और परिणाम भी इसी दिन आ गया। जीत के बाद सरोज पांडे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा दूसरे राज्यों में भी जीतेगी। सरोज पांडे की गिनती भाजपा की कद्दावर महिला नेताओं में होती है। सरोज पांडे का टिकट तय करने में पार्टी को काफी माथापच्ची करनी पड़ी थी। उनके अलावा छत्तीसगढ़ के पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को भी राज्यसभा की एक सीट के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने आखिरकार सरोज पांडे के नाम पर मुहर लगाई थी। सरोज पांडे भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने दुर्ग सीट से चुनाव लड़ा था। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू ने हराया था। सरोज पांडे एक बार लोकसभा सदस्य और एक बार विधायक भी रह चुकी हैं। उनके नाम एक अनोखा रिकॉर्ड भी है। वह एक साथ महापौर, विधायक और सांसद रह चुकी हैं।
BJP National General Secretary #SarojPandey has been elected to #RajyaSabha from Chhattisgarh. pic.twitter.com/m93ZqNrNBn
— All India Radio News (@airnewsalerts) March 23, 2018
आसान नहीं थी राह: सरोज पांडे के लिए राज्यसभा का टिकट हासिल करना और उसके बाद चुनाव जीतना कतई आसान नहीं था। टिकट पाने के लिए पहले उन्हें पार्टी के अंदर से ही चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। विधानसभा में भाजपा के 49 विधायक हैं। इसके बाद उनके नामांकन को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया था। छत्तीसगढ़ की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने उनका नामांकन रद्द करवाने के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस. सिंहदेव के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात की थी। कांग्रेस नेताओं ने लाभ के पद पर होने के कारण भाजपा के 18 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी। पीएल पुनिया ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में विधायकों का गोलमाल हो रहा है। लाभ के मामले में जिन संसदीय सचिवों को बर्खास्त किया जाना चाहिए था, वे विधायक सरोज पांडेय के नामांकन में प्रस्तावक हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था।