असम के होजाई जिले में मंगलवार को अपने परिजन की मौत से गुस्साई एक भीड़ ने डॉक्टर को बुरी तर पीटा। कोविड केयर सेंटर में ही हुई इस बर्बरता का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसके बाद खुद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की बात कही है। इसी कड़ी में सरमा ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने 24 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सरमा ने इसी के साथ सभी आरोपियों के नाम भी अपने ट्वीट में साझा कर दिए।
बताया गया है कि यह मामला होजाई स्थित उदाली के एक कोविड केयर सेंटर का था। यहां डॉक्टर स्यूज कुमार सेनापति जब ड्यूटी पर थे, तब पिपल पुखुरी गांव के गियाजउद्दीन नाम के एक शख्स का कोरोना से निधन हो गया था। डॉक्टर ने अपने साथ हुई मारपीट का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद मरीज के कुछ परिजन उसके पास आए और कहा कि उनकी हालत गंभीर है।
HCM @himantabiswa sir.
Look for youself !!
This is the condition of our FRONTLINE WARRIORS DOCTORS in ASSAM.
We are bearing the burden of incompetency.@DGPAssamPolice @gpsinghassam @PMOIndia @assampolice @nhm_assam pic.twitter.com/V3mVK8QNxN— Dr. Kamal debnath (@debnath_aryan) June 1, 2021
जब डॉक्टर मरीज को देखने गए, तो उन्होंने परिजनों को गियाजुद्दीन की मौत की खबर दी। इसके ठीक बाद ही वहां मौजूद गियाजुद्दीन के परिवारवालों ने डॉक्टर को घेर लिया और गाली-गलौज के बाद उनकी पिटाई कर दी।
Assam: Doctors at Guwahati medical college and hospital(GMCH) staged protest demanding inquiry in an incident where a doctor was attacked by mob in Hojai district y’day,following a COVID patient’s death
“We want govt’s support in this matter & ensuring our safety,” says a doctor pic.twitter.com/3rdvsdGU44
— ANI (@ANI) June 2, 2021
मृतक के परिजनों का गुस्सा देख ज्यादातर स्टाफ कोविड सेंटर छोड़कर भाग निकला। हालांकि, सेनापति फंस गए और उन्होंने अपना दरवाजा ही बंद कर लिया। लेकिन गुस्साई भीड़ दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गई और उन्हें पत्थर, थाली और अन्य चीजों से मारा। डॉक्टर को घायल करने के बाद यह भीड़ भाग निकली। सेनापति को बाद में कुछ लोगों ने दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया।
इस घटना पर असम मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है। वहीं, आईएमए की असम ब्रांच ने सभी डॉक्टरों से बुधवार के दिन बाहरी मरीजों की सेवा में नहीं जाने का आह्वान किया। संस्था ने मांग की है कि इस मामले में जल्द कार्रवाई हो और अस्पतालों के बाहर हथियारबंद सैनिक तैयार किए जाएं।
आईएमए ने कहा कि अगर उसे सरकार की तरफ से मांगों पर आश्वासन नहीं मिलता है, तो वह 3 जून से सभी गैर-आपात सेवाओं का बायकॉट बुलाएगी। हालांकि, असम पुलिस के विशेष डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) जीपी सिंह ने कहा कि अपराधियों को सजा दिलाई जाएगी।