उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक मदरसे से बुधवार को बरामद हुए अवैध हथियारों के जखीरे को लेकर एक मौलवी ने मदरसे का बचाव करते हुए कहा कि रामनवमी पर जब तलवारें लहराई जाती हैं तो उनका कुछ नहीं होता है। बता दें कि बुधवार (10 जुलाई) को हुई कार्रवाई में पुलिस को मदरसे से पांच पिस्तौल और कई कारतूस बरामद किए हैं। मामला बिजनौर के शेरकोट इलाके में स्थित मदरसे ‘मदरसा दारूल कुरआन हमीदया’ का है।

इस मामले  पर एक न्यूज चैनल पर बातचीत के दौरान मौलवी साजिद रशीदी ने कहा, ” देखिए होता क्या है कि मुस्लमान बच्चे पकड़े जाते हैं तो पुलिस या एनआईए उन्हें प्रेस के सामने लाकर सीधा आतंकवादी घोषित कर देती है। ऐसे ही ये मदरसे वाला केस है। फौरन कह दिया गया कि यहां हथियार मिले हैं। ठीक है अगर मिल भी जाएं तो यह जांच का केंद्र है, हथियार कैसे मिले कहां से आए थे यह सब पता किया जाना चाहिए। हो सकता है जांच में यह निकले कि यह लाइसेंसी बंदूक थे। लेकिन मैं ये जानना चाहता हूं कि जब रामनवमी पर बंदूके लहराई जाती हैं तो उस वक्त क्यों कुछ नहीं बोला जाता है? वो भी तो अवैध हथियार हैं। ”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटनास्थल से एक सफेद रंग की गाड़ी भी जब्त की गई। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मदरसे से हथियार सप्लाई किए जाते थे। फिलहाल पुलिस हर दृष्टिकोण से मामले की जांच कर रही है। इस मामलें पर सर्किल ऑफिसर के. कनौजिया ने एएनआई को बताया, ‘हमें मदरसे में समाज विरोधी गतिविधियों की जानकारी मिली थी। इसके बाद जांच की गई। इस खुलासे के बाद अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।’

पुलवामा हमले के बाद लगातार हो रही कार्रवाईः बता दें कि कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन आतंकी हमले के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हैं। एनआईए देशभर के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी कर ऐसे तत्वों को उजागर करने में जुटी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों खासतौर से बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर आदि में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को कई ऐसे ठिकाने मिले हैं जिन पर आतंकियों की मदद करने का शक है। हाल ही में देवबंद स्थित मदरसे से भी संदिग्धों की गिरफ्तारी की गई थी। हथियारों की सप्लाई में इन ठिकानों की भूमिका पर एजेंसियों को लंबे समय से शक है।