Illegal mining case: झारखंड में अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीमें छापेमारी कर रही हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी में जुटी ईडी की टीमों को 2 एके 47 राइफल्स मिली हैं। रांची में एक घर से ये राइफल्स बरामद हुई हैं, इस घर का संबंध प्रेम प्रकाश नाम के एक शख्स से बताया जा रहा है, जो अवैध खनन में शामिल है। एजेंसी इस मामले में झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर में 16 अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है।

छापेमारी में एके 47 राइफल्स बरामद किए जाने के बाद से प्रेम प्रकाश का नाम काफी चर्चाओं में है। प्रेम प्रकाश झारखंड में काफी जाना पहचाना नाम है, जो एक व्यवसायी होने के साथ राजनेताओं का भी काफी करीबी है। उसे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का करीबी बताया जा रहा है। आईए जानते हैं इस शख्स के बारे में, जो सियासी गलियारों में इतना चर्चित है।

कौन है प्रेम प्रकाश

प्रेम प्रकाश मूलरूप से बिहार के सासाराम के रहने वाला है और इस वक्त झारखंड के सबसे बड़े पावर ब्रोकर की रूप में जाना जाता है। उसकी जान पहचान झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव स्तर के एक अधिकारी से थी, जिसके सहारे वह आईएएस अधिकारियों के संपर्क में आया और फिर मुख्यमंत्री तक पहुंच बना ली। आज IAS-IPS अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर कई ठेकों को मैनेज करने में प्रेम प्रकाश की अहम भूमिका रहती है।

एक समय में था बैंक का कर्मचारी

सासाराम के फजलगंज में प्रेम प्रकाश का एक पुश्तैनी मकान है। पिता के निधन के बाद बैंक में अनुकंपा के आधार पर प्रेम प्रकाश को नौकरी मिली थी। बैंक में साल 2002 में 26.5 लाख रुपए का गबन किया। इसके बाद उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। बाद में यह मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया था।

बताया जा रहा है कि बिहार के एक नेता का पैसा हड़पकर प्रेम प्रकाश झारखंड आ गया और यहां आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा आपूर्ति करने का ठेका ले लिया। इसके बाद अधिकारियों और नेताओं से रिश्ते बनते चले गए। अब राज्य में बीजेपी की सरकार हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रेम प्रकाश की पैठ रही है।