Illegal Mining Case: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा चीफ अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने हमीरपुर में अवैध खनन से जुड़े मामले में अखिलेश यादव को समन भेजा। अखिलेश यादव को कल यानी 29 फरवरी को दिल्ली में सीबीआई के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। सपा चीफ को बतौर गवाह पेश होने के लिए कहा गया है।सीबीआई ने सपा चीफ अखिलेश यादव को CRPC की धारा 160 के तहत समन भेजा है।
समन में कहा गया है कि अखिलेश यादव को जवाब देने के लिए सीबीआई के सामने उपस्थित होना होगा। अखिलेश को जनवरी 2019 में दर्ज की गई सीबीआई की उस FIR के संबंध में तलब किया गया है, जो हमीरपुर में 2012-2016 के बीच कथित अवैध खनन से संबंधित है।
जनवरी, 2019 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, खनन अधिकारी और अन्य सहित कई लोक सेवकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। FIR में आरोप लगाया गया था कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया।
अवैध खनन से राज्य के खजाने को नुकसान हुआ और अधिकारियों ने अनुचित लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। एक जांच से पता चला कि सरकारी कर्मचारियों ने, एक-दूसरे के साथ आपराधिक साजिश में, निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना, अवैध रूप से नए पट्टे दिए, मौजूदा पट्टों को नवीनीकृत किया और मौजूदा पट्टाधारकों के लिए बाधित अवधि की अनुमति दी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया था सीबीआई जांच का आदेश
बता दें, जुलाई 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस खतरे को रोकने के लिए की जा रही निष्क्रियता पर निराशा व्यक्त करते हुए हमीरपुर में अवैध खनन की सीबीआई जांच का निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कार्रवाई की आवश्यकता है, क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों को खुले तौर पर लूटने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से रिपोर्ट देने को कहा था कि क्या अवैध खनन राज्य अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा था या नहीं। इसके बाद सीबीआई ने जनवरी 2019 में मामले में एफआईआर दर्ज की थी।