Delhi News: दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में लोग इस वक्त परेशान हैं। यहां पर रहने वाले जावेद ने कहा कि हमें बिजली के मीटर क्यों दिए गए और पानी व गैस की आपूर्ति क्यों की गई। अब अचानक से हमें डिमोलिशन का नोटिस मिला है। बाटला हाउस की गलियों में गुस्सा और अराजकता का माहौल था। स्थानीय लोगों को डर है कि कभी भी बुलडोजर आ सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कई स्थानीय लोगों ने कहा कि वे पांच से छह दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह तब हैरान रह गए जब डीडीए ने दो हफ्ते पहले 26 मई को डिमोलिशन का नोटिस लगाया। इसमें कहा गया था कि 11 जून को तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी। बाटला हाउस के रहने वाले सुल्तान ने कहा, ‘मेरा मकान 1978 का है। हमने कोई और व्यवस्था नहीं की है। हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है।’
रोशन बेगम ने 1983 से इस इलाके में एक कच्चे मकान में रहने की बात याद की। वह और उनका परिवार हाल ही में अपने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर एक पक्के घर में रहने चले गए। उन्होंने कहा, ‘अगर यह टूट गया तो पता नहीं हम कहां जाएंगे और कर्जा तो हमें तब भी चुकाना पड़ेगा। हम तो बस यही चाहते हैं कि हमें वो मिले जो हमारा हक है।’
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मैंने इस साल ईद की दावत भी नहीं बनाई – इशरत जहां
उनकी बेटी नसीम रो पड़ी और बताया कि वे सात भाई-बहन हैं और हर एक के दो-तीन बच्चे हैं। वे सभी एक ही घर में रहते हैं। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, ‘अपने जीवन के आखिरी पड़ाव पर अगर मेरे माता-पिता इस घर को टूटता हुआ देखेंगे तो वे असहाय और निराश हो जाएंगे।’ कई परिवारों ने डीडीए के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि उनके घर विवादित जमीन के अंतर्गत नहीं आते। इशरत जहां जैसे कुछ लो अस्थायी स्थगन आदेश हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा, ‘मैंने इस साल ईद की दावत भी नहीं बनाई। मैं अपने घर को वैध साबित करने के लिए दस्तावेज जुटाने में व्यस्त थी।’
ज्यादातर लोगों के पास वैक्लपिक आवास के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं है। इसलिए उनकी सारी उम्मीदें दिल्ली हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी थी। जब याचिका पर अंतिम सुनवाई हुई, तो हाई कोर्ट ने आप विधायक को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा कि यह सुनवाई योग्य नहीं है। अदालत ने इस तरह की जनहित याचिका में संरक्षण का सामान्य आदेश पारित किया।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश किया पारित
इससे पहले 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कथित अवैध निर्माण को गिराने का निर्देश देते हुए एक आदेश पारित किया था। इसके बाद 26 मई को डीडीए ने नोटिस लगाए थे, जिसमें कहा गया था, ‘माननीय सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस तरह की कार्रवाई ऐसे अवैध ढांचों के रहने वालों को 15 दिन का नोटिस देने के बाद की जाएगी। बिना किसी और नोटिस के 11-06-2025 (बुधवार) से डिमोलिशन कार्यक्रम चलाया जाएगा।’ दिल्ली के जंगपुरा में बुलडोजर एक्शन