Indian Air Force Aerial Strike: बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में आतंकियों को पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी ट्रेनिंग देते थे। साथ ही, इसका इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी भी करते थे। यह खुलासा गृह मंत्रालय के सूत्रों ने किया है। बताया जा रहा है कि यह टेरर कैंप पाकिस्तान के खैबर पखतूनख्वा प्रांत में कुन्हार नदी के किनारे स्थित था। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने मंगलवार (26 फरवरी) तड़के करीब 3:30 बजे बालाकोट में जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी।
जैश के साथ अन्य आतंकी संगठनों के लिए खास था यह कैंप : सूत्रों का कहना है कि इस शिविर में आतंकियों को पानी में रहने की ट्रेनिंग भी दी जाती थी। साथ ही, यहां सैकड़ों जेहादियों के रहने की व्यवस्था थी। जैश-ए-मोहम्मद के अलावा दूसरे आतंकी संगठनों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण ट्रेनिंग सेंटर था। इस कैंप में आतंकियों और ट्रेनियों के लिए काफी सुविधाओं का इंतजाम था।
बालाकोट कस्बे के पास था यह कैंप : सूत्रों के मुताबिक, यह कैंप पाकिस्तान के बालाकोट कस्बे से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित था। इसे जंग की तैयारी के लिए इस्तेमाल किया जाता था और पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी आतंकियों को ट्रेनिंग देते थे।
अजहर मसूद के रिश्तेदारों को दी जाती थी ट्रेनिंग : सूत्रों ने बताया कि इस कैंप में जैश प्रमुख अजहर मसूद के रिश्तेदारों और शागिर्दों को आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। जांच के दौरान पता चला था कि इस कैंप का इस्तेमाल हिजुबल मुजाहिद्दीन के आतंकी भी करते थे। बालाकोट ट्रेनिंग कैंप में आतंकियों को दौरा-ए-खास के तहत आधुनिक तकनीक, हथियार और विस्फोटकों की जानकारी दी जाती थी। इसके अलावा आईईडी लगाना, आत्मघाती हमलावर बनना समेत हमला करने के तमाम तरीके सिखाए जाते थे।

