Kangana Ranaut News: बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत मानहानि के एक मामले में बठिंडा की अदालत में पेश हुईं। वहां उन्हें माफी मांगने और गलतफहमी पर खेद जताने के बाद जमानत मिल गई। कई लोगों ने इस क्षण को महिला किसान मोहिंदर कौर के लिए एक भावनात्मक जीत के तौर पर देखा।

मोहिंदर कौर पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जंडियान गांव के रहने वाली हैं और 13 एकड़ जमीन की मालिक हैं। लेकिन उनका घर साधारण और पुराने ढंग का है, छत पर लकड़ी के लट्ठे लगे हैं और वह अब भी हर सुबह चूल्हा जलाकर अपने बीमार पति लाभ सिंह और बिस्तर पर पड़े बेटे गुरदास के लिए खाना बनाती हैं और फिर अपने दैनिक काम और कानूनी लड़ाई शुरू करती हैं।

13 एकड़ जमीन का मालिक होना आसान नहीं- मोहिंदर कौर

मोहिंदर कौर ने कहा, “13 एकड़ जमीन का मालिक होना उतना आसान नहीं है जितना लोग सोचते हैं। यह एक चपरासी की साल भर की कमाई के बराबर भी नहीं है। किसानों की आमदनी को लेकर कई भ्रांतियां हैं।” उन्होंने आगे कहा, “जब तक पंजाब भर में फसल बर्बाद नहीं हुई, तब तक हम कपास उगाते रहे और अब हम धान उगाते हैं। मैंने चार बच्चों, तीन बेटियों और एक बेटे की शादी की और जिंदगी भर कड़ी मेहनत की। हम इस सम्मान को बनाए रखने के लिए लड़ेंगे।”

उनकी बहू की लगभग 18 महीने पहले एक संक्रमण से मृत्यु हो गई थी। उनका बेटा पिछले तीन महीनों से पैर में गंभीर संक्रमण के कारण बिस्तर पर पड़ा है और एक हफ्ते पहले ही अस्पताल से घर लौटा है। चूंकि वह खुद अदालत में उपस्थित नहीं हो सकीं, इसलिए उनके अस्थमा से पीड़ित पति ने उनकी ओर से पैरवी की। उन्होंने कहा, “किसान की जिंदगी कभी आसान नहीं होती। मेरा सबसे छोटा बेटा बीमार है, मेरी बहू भी चली गई, कोई बच्चा नहीं छोड़ा। अब घर मेरे कंधों पर है। लेकिन मैं इस लड़ाई से पीछे नहीं हटूंगी।” अब परिवार ज्यादातर जमीन को किराये पर दे रहा है और घरेलू इस्तेमाल के लिए केवल एक छोटे से हिस्से पर ही खेती करता है।

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क्या था पूरा मामला?

अब पूरे मामले की बात करें तो यह 2020-21 के किसान आंदोलन से जुड़ा है। कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था। इसमें कथित तौर पर कौर की एक फोटो थी। इस पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए कंगना ने कहा, “टाइम मैगजीन में इंडिया पावरफुल वुमेन में शामिल वही दादी बताया और कहा कि वह 100 रुपये में उपलब्ध हैं।” सोशल मीडिया पर फैली इस टिप्पणी से कौर को ठेस पहुंची और उन्होंने कोर्ट के जरिये न्याय मांगने का फैसला किया।

उनके वकील एडवोकेट रघुबीर सिंह बेहनीवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैं कंगना के राजनीति में आने से बहुत पहले से भाजपा से जुड़ा हूं। कुछ लोगों ने सवाल उठाया था कि क्या मैं मोहिंदर कौर का ठीक से प्रतिनिधित्व कर पाऊंगा, लेकिन उन्होंने मुझ पर भरोसा किया। पंजाब की माताओं के खिलाफ कंगना के शब्दों से मुझे भी उतना ही दुख हुआ।”

हम किसी की माफी स्वीकार नहीं करेंगे- मोहिंदर कौर के वकील

रघुबीर सिंह बेहनीवाल ने आगे कहा, “चाहे कितने भी दबाव क्यों न हों, परिवार हमेशा इस मामले को आगे बढ़ाने में सक्रिय रहा है। रोजमर्रा के काम पर निर्भर रहने वाले किसानों के लिए अदालती सुनवाई के लिए समय निकालना कभी आसान नहीं होता। लेकिन जब भी मैं उन्हें बुलाता हूं, वे आ जाते हैं। हम किसी की माफी स्वीकार नहीं करेंगे। मामला लड़ा जाएगा।” सोमवार को रनौत को बठिंडा की अदालत ने जमानत दे दी। अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।