दिल्ली में वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप में स्वामी चैतन्यानंद को गिरफ्तार किया गया है। चैतन्यानंद पर 2016 में भी एक छात्रा से छेड़खानी का आरोप लगा था। उस समय पीड़ित छात्रा ने चैतन्यानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। छात्रा ने बताया कि चैतन्यानंद ने उसे परेशान करना शुरू किया।
आजतक से बातचीत में पीड़ित छात्रा ने कहा, “देखिए जो मेरी शिकायत है वो मैं पहले ही जमा कर चुकी हूं, लेकिन मुझे वहां के जो चैयरमैन बताए जाते हैं। पार्थ सारथी नाम था उस वक्त, अब उनके कई नाम निकल कर सामने आ रहे हैं। तो उन्होंने मुझे शुरुआत से ही परेशान करना शुरू कर दिया था। परेशान करने के लिए ये लोग शुरुआत से ही ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स जमा करा लेते हैं। इसकी वजह से ये लोगों को ब्लैकमैल करते हैं कि हम आपके डॉक्यूमेंट्स नहीं देंगे और आपको एग्जाम में फेल करवा देंगे और कॉलेज से निकलवा देंगे। इस तरीके से ये लोग आपके ऊपर प्रेशर बनाते हैं।”
चैतन्यानंद सरस्वती से मंगलवार को उसकी दो महिला सहयोगियों के साथ बैठाकर पूछताछ की गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चैतन्यानंद की इन महिला सहयोगियों ने कथित तौर पर पीड़ितों को धमकाया था और उन पर चैतन्यानंद की ओर से भेजे गए अश्लील मैसेज डिलीट करने का दबाव बनाया था।
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पुलिस को मिली चैट
पुलिस को सरस्वती के फोन में कई महिलाओं के साथ चैट मिली हैं, जिसमें झूठे वादों से उन्हें लुभाने की कोशिश की गई थी। अधिकारी ने बताया कि उसके फोन में एयरहोस्टेस के साथ उसकी कई तस्वीरें और महिलाओं की डीपी के स्क्रीनशॉट भी थे। निजी संस्थान के अध्यक्ष पद पर रहते हुए इस स्वयंभू बाबा ने कथित तौर पर अपने आपराधिक कारनामे जारी रखे। अधिकारी ने कहा कि सरस्वती जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और जांच अधिकारियों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और वह गोलमोल जवाब दे रहा है।’’
महिला सहयोगियों से की जा रही पूछताछ
उन्होंने बताया कि संस्थान में अलग-अलग पदों पर कार्यरत उसकी दो महिला सहयोगियों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही उनसे चैतन्यानंद के आमने-सामने बैठा कर भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि सरस्वती ने पूछताछ के दौरान बार-बार झूठ बोला, यहां तक कि सबूतों को सामने पेश किए जाने पर भी उसने झूठ बोला। उन्होंने बताया कि जब उसे दस्तावेज और डिजिटल सबूत दिखाए जाते हैं तो वह अनमने ढंग से जवाब देता है। सोमवार को उसे संस्थान के परिसर में भी ले जाया गया ताकि उन जगहों पता चल सके जहां से वह पीड़िताओं को फोन किया करता था। कई दिनों फरार रहने के बाद सरस्वती को रविवार को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।
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