बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार (24 अगस्त, 2022) को बीजेपी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद वह बीजेपी के दबाव के कारण ही मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के लिए तैयार हुए थे। उन्होंने बिहार विधानसभा में विश्वास मत पर चर्चा के दौरान बीजेपी की तरफ से उन पर लगाए गए विश्वाघत के आरोपों का जवाब देते हुए यह बात कही है। उन्होंने चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के लिए भी चिराग पासवान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बीजेपी की मिलीभगत से उन्होंने पार्टी को चुनाव हरवाया।
इन चुनावों में जेडीयू को बीजेपी से कम सीटें मिली थीं। उन्होंने कहा, “हम 2020 में मुख्यमंत्री नहीं बन रहे थे क्योंकि बीजेपी के पास ज्यादा सीटें थीं, लेकिन बीजेपी के दबाव में बनना पड़ा। उन्होंने कहा कि आप सीएम बनें इसलिए मैं सहमत हो गया।” उन्होंने यह भी कहा कि पहले नंदकिशोर को स्पीकर बनाने के लिए कहा गया, लेकिन उन्हें नहीं बनाया गया।
इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में आरसीपी सिंह का भी जिक्र किया और कहा, “जिस शख्स को मैंने सबसे नीचे के पायदान से शीर्ष पर पहुंचाया, उसे केंद्र में भेजा और उसने मुझे धोखा दिया।” उन्होंने आरजेडी पर बीजेपी के आरोपों को लेकर भी हमला बोला और कहा कि मैं 2017 में उनसे (आरजेडी) अलग हो गया था। आपने इतने सारे आरोप लगाए, लेकिन 5 साल में उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला।
चिराग पासवान पर बोला हमला
नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के खराब के लिए चिराग पासवान को जिम्मेदार ठहराया। चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे। नीतीश को आशंका थी कि चिराग पासवान की इस रणनीति को भाजपा का मौन समर्थन प्राप्त था, जिस कारण जेडीयू को सीटें गंवानी पड़ी।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हर घर नल योजना 2015 में शुरू की गई थी, उस वक्त आरजेडी ही गठबंधन में थी। वहीं, साल 2017 में केंद्र ने 600 करोड़ देकर कहा कि मान लीजिए हर घर नल केंद्र की योजना है, लेकिन हमने नहीं माना। सीएम ने यह भी कहा कि बिहार में सड़क निर्माण राज्य सरकार ने किया केंद्र सरकार ने नहीं।
